केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, ओवैसी से नहीं डरते, सत्ता में आने पर मनाएंगे 'हैदराबाद मुक्ति दिवस'
अमित शाह ने चेतावनी दी कि जो लोग यह सोचते हैं कि ओवैसी की आड़ लेकर वो बच जाएंगे तो उनसे वह कहना चाहते हैं कि तेलंगाना के लोग अब जाग गए हैं और ओवैसी की आड़ लेकर वे बच नहीं सकते।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तेलंगाना में सत्ता में आने पर भाजपा 17 सितंबर को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाएगी। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर घोषणा के बाद भी 17 सितंबर को तेलंगाना दिवस नहीं मनाने पर निशाना साधा।
तेलंगाना के निर्मल में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए शुक्रवार को शाह ने कहा कि के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (केसीआर) ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) से डरती है और इसलिए तेलंगाना दिवस मनाने से पीछे हट गई। उन्होंने कहा कि जिसे ओवैसी से डरना है डरे, भाजपा किसी से नहीं डरती। शाह ने चेतावनी दी कि जो लोग यह सोचते हैं कि ओवैसी की आड़ लेकर वो बच जाएंगे तो उनसे वह कहना चाहते हैं कि तेलंगाना के लोग अब जाग गए हैं और ओवैसी की आड़ लेकर वे बच नहीं सकते।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि टीआरएस में दम नहीं है कि वह ओवैसी की पार्टी और कांग्रेस से मुकाबला कर सके। सिर्फ भाजपा ही राज्य में टीआरएस का विकल्प बन सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी 17 सितंबर को आधिकारिक रूप से 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' घोषित करेगी।
बता दें कि आजादी के बाद तत्कालीन हैदराबाद राज्य के निजाम ने भारत में विलय करने से इन्कार कर दिया था। बाद में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वहां सेना को उतारा था। इसके बाद ही औपचारिक रूप से हैदराबाद 17 सितंबर, 1948 को भारत का हिस्सा बना।
शाह 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' के अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबकि सरकार वल्लभ भाई पटेल ने राज्य को 17 सितंबर, 1948 को आजादी दिलाई थी, तेलंगाना वास्तव में एक परिवार से तब मुक्त होगा जब राज्य में एक ऐसी सरकार बनेगी जो एआइएमआइएम पर निर्भर न हो। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने इसलिए तेलंगाना दिवस नहीं मनाया कि इससे एआइएमआइएम के समर्थक नाराज हो जाएंगे जो शुरू में हैदराबाद के भारत में विलय के खिलाफ थे।
शाह का तेलंगाना दौरा हुजुराबाद विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव से ठीक पहले हुआ है जो पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगा। पूर्व मंत्री ई. राजेंदर के इस्तीफे का बाद यह सीट खाली हुई है और अक्टूबर के आखिर में यहां उपचुनाव कराए जाने की उम्मीद है।