राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच राजनाथ सिंह बोले, निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक रक्षा सेवाएं विधेयक जरूरी

राज्यसभा ने हंगामे के बीच सशस्त्र सेनाओं की सैन्य जरूरतों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आर्डनेंस फैक्टि्रयों के निगमीकरण से संबंधित आवश्यक रक्षा सेवाएं विधेयक 2021 को पारित कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार आर्डनेंस फैक्टि्रयों की कार्यक्षमता प्रतिस्पर्धा और स्वायत्तता को बढ़ाना चाहती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:34 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 11:34 PM (IST)
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच राजनाथ सिंह बोले, निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक रक्षा सेवाएं विधेयक जरूरी
विपक्ष के हंगामे के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राज्यसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच सशस्त्र सेनाओं की सैन्य जरूरतों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आर्डनेंस फैक्टि्रयों के निगमीकरण से संबंधित आवश्यक रक्षा सेवाएं विधेयक 2021 को ध्वनिमत से गुरुवार को पारित कर दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विधेयक पारित कराए जाने को सही ठहराते हुए कहा कि सरकार आर्डनेंस फैक्टि्रयों की कार्यक्षमता, प्रतिस्पर्धा और स्वायत्तता को बढ़ाना चाहती है। इसीलिए इनका निगमीकरण कर सुधार किया जा रहा है।

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच आर्डनेंस फैक्टि्रयों के निगमीकरण से संबंधित विधेयक पारित

सुधारों के क्रम में आयुध फैक्टि्रयों के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को रक्षामंत्री ने निर्मूल बताते हुए कहा कि इनके निगमीकरण में सरकार ने इस बात का ख्याल रखा है कि कर्मचारियों की सेवा-शर्तों पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। पेगासस जासूसी कांड के मसले पर संसद में जारी गतिरोध के बीच इस विधेयक को लाए जाने पर विपक्ष के एतराज का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि तीनों सेनाओं के लिए सैन्य साजो-समान की आपूर्ति किसी रुप में प्रभावित न हो यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।

प्रतिस्पर्धा और कार्यक्षमता में होगी वृद्धि, सरकार ने कर्मचारियों के हित का ख्याल रखा : रक्षामंत्री

उन्होंने कहा कि सुरक्षा जरूरतों की चुनौतियों को देखते हुए सेनाओं को की जाने वाली आपूर्तियों में कोई अवरोध न हो इसके मद्देनजर यह बिल जरूरी है। फैक्टि्रयों का निगमीकरण करने के क्रम में हमने इसके सभी कर्मचारी संगठनों से सार्थक बातचीत भी की है। रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि यह विधेयक केवल एक साल के लिए ही प्रभावी रहेगा और यह प्रभावी तभी होगा जब सरकार इसे लागू करने की घोषणा करेगी। राजनाथ ने उम्मीद जताई कि संभव है कि इस कानून को लागू करने की जरूरत ही नहीं पड़े।

आवश्यक रक्षा सेवाएं विधेयक पारित किए जाने से विरोध प्रदर्शन का अधिकार छिन जाने की बातों को रक्षामंत्री ने गलत ठहराया और कहा कि वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह विधेयक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार में कोई अड़चन नहीं डालता। साथ ही यह विधेयक अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन के मानकों के अनुकूल भी है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने जून में जारी आवश्यक रक्षा सेवाएं अध्यादेश की जगह इस विधेयक को सदन में पेश किया।

नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, द्रमुक के षनमुगम और माकपा के ई. करीम ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे देश के कामगार वर्ग के खिलाफ बताया। लोकसभा ने मंगलवार को ही इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया था।

chat bot
आपका साथी