एनआइए कोर्ट से अखिल गोगोई आरोपों से बरी, सीएए विरोधी आंदोलन में हिस्सा लेने पर हुआ था केस

अदालत ने गोगोई के दो सहयोगियों जगजीत गोहेन द भूपेन गोगोई को भी मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के सभी आरोपों से बरी कर दिया। रायजोर दल के अध्यक्ष गोगोई को चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मूल मामले में इससे पहले जमानत मिल गई थी।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:52 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:52 AM (IST)
एनआइए कोर्ट से अखिल गोगोई आरोपों से बरी, सीएए विरोधी आंदोलन में हिस्सा लेने पर हुआ था केस
विशेष एनआइए न्यायाधीश प्रांजल दास ने गोगोई के खिलाफ आरोप तय नहीं किये

गुवाहाटी, प्रेट्र। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की अदालत ने असम में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन मामले में विधायक अखिल गोगोई के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत दर्ज दो मामलों में से एक में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया है।

विशेष एनआइए न्यायाधीश प्रांजल दास ने गोगोई के खिलाफ आरोप तय नहीं किए। गोगोई को दिसंबर 2019 में चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने गोगोई के दो सहयोगियों जगजीत गोहेन द भूपेन गोगोई को भी मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के सभी आरोपों से बरी कर दिया। रायजोर दल के अध्यक्ष गोगोई को चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मूल मामले में इससे पहले जमानत मिल गई थी। यह मामला बाद में एनआइए को सौंप दिया गया था।

क्या था मामला

नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच एहतियात के तौर पर असम पुलिस ने अखिल गोगोई को 12 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके दो दिन के बाद यह मामला NIA के पास चला गया था। इसके बाद उन्‍हें 10 दिनों के लिए एनआइए की हिरासत में भेज दिया था। एनआइए के सूत्रों का कहना था कि गोगोई का माओवादियों के साथ संपर्क है और जांच के लिए उनकी गिरफ्तारी आवश्यक है। इसके बाद अदालत ने उन्हें 10 दिनों की हिरासत में भेज दिया था। बता दें कि अखिल गोगोई कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) के सक्रिय सदस्‍य हैं जो असम के किसानों का संगठन है।

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