अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे मोहन भागवत, जानें- कार्यक्रम के बारे में

संघ शासित प्रदेश में बुद्धिजीवियों से मिलने के अलावा आरएसएस के सरसंघचालक का कार्यक्रम बहुत व्यस्त रहने वाला है। बताया गया कि यह यात्रा दो साल से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है। अगस्त 2019 में केंद्र ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:54 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:54 AM (IST)
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे मोहन भागवत, जानें- कार्यक्रम के बारे में
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब पहली बार जम्मू-कश्मीर का जाएंगे मोहन भागवत, जानें- कार्यक्रम के बारे में

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर की अपनी पहली यात्रा करने वाले हैं। भागवत, 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक केंद्र शासित प्रदेश की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि वे इस दौरान 'प्रबुद्ध वर्ग' के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे।

संघ शासित प्रदेश में बुद्धिजीवियों से मिलने के अलावा, आरएसएस के सरसंघचालक का कार्यक्रम बहुत व्यस्त रहने वाला है। बताया गया कि यह यात्रा दो साल से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है। सूत्रों ने कहा कि जम्मू में बुद्धिजीवियों से मिलना ही एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम है, भागवत इसमें शामिल होंगे।

संघ के सूत्रों ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक, जो आमतौर पर हर प्रांत में दो साल में एक बार आते हैं, पिछले दो वर्षों में चल रहे COVID-19 महामारी के कारण कम आए हैं।

बताया गया कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की अपनी पहली यात्रा कर रहे मोहन भागवत पहले महामारी के कारण पहले नहीं जा सके थे। COVID-19 महामारी के कारण आवाजाही और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

आरएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वह आमतौर पर दो साल में एक बार प्रांत का दौरा करते हैं, लेकिन कोविड से संबंधित प्रोटोकाल के कारण, उनके दौरे सीमित रहे। इसके अलावा, यदि सरसंघचालक किसी क्षेत्र का दौरा करते हैं तो वे प्रचारकों और संघ के कार्यों में शामिल लोगों से मिलना चाहते हैं और प्रगति की समीक्षा करना चाहते हैं। कोविड की स्थिति के कारण यह संभव नहीं हो सका था।'

आरएसएस प्रमुख जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे प्रचारकों और आरएसएस से जुड़े संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे और जमीनी हालात का जायजा लेंगे। सूत्र ने कहा, 'हम समाज और उसकी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और केंद्र शासित प्रदेश में बेहतर स्थिति के मद्देनजर यह दौरा महत्वपूर्ण है। गतिविधियों का जायजा भी लिया जाएगा।'

अगस्त 2019 में, केंद्र ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिसने तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया और इस क्षेत्र को दो क्षेत्रों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।

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