राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल और कांग्रेस सवालों के घेरे में

राफेल खरीद मामले में हमलावर रही कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब खुद सवालों के घेरे में हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 08:22 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 11:41 PM (IST)
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल और कांग्रेस सवालों के घेरे में
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राहुल और कांग्रेस सवालों के घेरे में

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राफेल खरीद मामले में हमलावर रही कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब खुद सवालों के घेरे में हैं। सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिलते ही भाजपा ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला बोलते हुए जहां झूठ का प्रचार करने और सेना का मनोबल गिराने के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की।

वहीं राहुल से पूछा कि वह बताएं कि उनके आरोपों का आधार और स्रोत क्या था? खुली चुनौती भी दी कि संसद में राफेल पर जितनी लंबी चर्चा चाहें करें, भाजपा तैयार है। आखिर जेपीसी की मांग कर रही कांग्रेस को यह तो चर्चा में ही साबित करना होगा कि जिसे सुप्रीम कोर्ट सही ठहरा चुका है उस पर जेपीसी की जरूरत क्यों है।

राफेल को कांग्रेस अरसे से एक राजनीतिक हथियार बना रही थी और इसी बहाने प्रधानमंत्री पर सीधा निशाना भी साधा जा रहा था। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ही राफेल खरीद प्रकिया को राफ साफ करार दे दिया है तो खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ साथ केंद्रीय वित्तीय मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया।

शाह ने सीधे सीधे राहुल से चार सवाल पूछे- आप बताएं कि किस स्रोत से मिली जानकारी के आधार पर राहुल आरोप लगा रहे थे? जाहिर तौर पर शाह का यह सवाल परोक्ष रूप से यह इशारा करने के लिए भी था कि कांग्रेस के नजदीकी लोग कुछ दूसरी कंपनियों से संपर्क में थे।

दूसरा सवाल - 2007-14 तक कांग्रेस राफेल पर क्यों फैसला नहीं ले पाई थी, क्या कमीशन इसका कारण था? तीसरा सवाल- पहली बार राफेल को मुद्दे पर दो सरकारों के बीच फैसला हुआ जिससे कमीशनखोरी खत्म हो गई। कांग्रेस ने अब तक सरकारों के बीच रक्षा खरीद समझौता क्यों नहीं किया था? चौथा सवाल सीधे राहुल से जुड़ा था जिसमें शाह ने कहा कि अगर राहुल के पास राफेल खरीद में गड़बड़ी को लेकर पुख्ता सबूत थे तो सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए, केवल राजनीति क्यों कर रहे हैं?

फैसले से उत्साहित शाह ने कहा कि सौ चोर मिलकर चौकीदार को चोर बताएं तो भी जनता भरोसा नहीं करती है। कांग्रेस खुद दस साल में 12 लाख करोड़ का घोटाला कर चुकी है और अब बेबुनियाद आधार पर केवल भ्रम फैलाकर मोदी सरकार को बदनाम करना चाहती है। राजनीति की खातिर राष्ट्र की सुरक्षा, देश की सेना और जनता सबका अपमान कर रही है। इसके लिए राहुल को सबसे माफी मांगनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट के बावजूद कांग्रेस की ओर से जेपीसी की मांग पर भी शाह ने चर्चा की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जेपीसी की जरूरत है या नहीं, इसका फैसला भी तो संसद में ही होता है और कांग्रेस चाहे तो राफेल पर पूरा चर्चा करे। वह केवल शोर मचाकर भागने की कोशिश न करे बल्कि चर्चा के लिए सामने आए। विपक्ष चाहे जितनी लंबी चर्चा चाहे वह करे, भाजपा उसके लिए तैयार है। जाहिर है कि कांग्रेस माने या न माने ये सवाल अब भाजपा पूरे देश में कांग्रेस से पूछेगी।

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