अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर से बात, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक बुलाने का आह्वान

अफगानिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से तालिबान और विदेशी आतंकवादी समूहों की ओर से बढ़ती हिंसा एवं मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन पर बात की।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:04 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:04 AM (IST)
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर से बात, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक बुलाने का आह्वान
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने की जयशंकर से बात।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने युद्धग्रस्त देश में तालिबान और विदेशी आतंकवादी समूहों के हमलों से तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर अपने भारतीय समकक्ष एस.जयशंकर से मंगलवार को बात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का आह्वान किया। अफगान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अतमार ने विदेशी लड़ाकों और आतंकवादी समूहों के साथ मिलीभगत से किए जा रहे तालिबान के हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा पर उनके संभावित परिणामों के बारे में बात की।

बयान में कहा गया है कि अतमार ने जयशंकर से तालिबान और विदेशी आतंकवादी समूहों की ओर से बढ़ती हिंसा एवं मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन पर बात की। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अफगानिस्तान में हिंसा की तत्काल समाप्ति पर ध्यान देने के साथ सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की जाए।

उल्लेखनीय है कि भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। अफगान विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने अफगानिस्तान में हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर भारत की ओर से चिंता व्यक्त की और देश में शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।

सभी पक्षों को अफगानिस्तान की हालात पर देना होगा ध्यान- जयशंकर

एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान में हम संक्रमण काल देख रहे हैं और इस जंग ने फिर से उसके लोगों के लिए चुनौतियां पैदा कर दी है. अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाए तो ना केवल अफगानिस्तान में बल्कि उससे बाहर भी इसके गंभीर असर होंगे। जयशंकर ने कहा कि सभी पक्षों को इन चुनौतियों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान अफगानिस्तान में हमले कर क्षेत्रों पर लगातार कब्जा करता जा रहा है। तालिबान ने धीरे-धीरे प्रांतीय राजधानियों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। उधर, अमेरिका और नाटों के 95 फीसदी सैनिक वापस जा चुके हैं और शेष सैनिकों के 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से लौटने की उम्मीद है।

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