SCO Summit : पीएम मोदी का संबोधन आज, जानें कौन से मुद्दे उठाएगा भारत, क्‍या होगी चीन और पाक की रणनीति

SCO Summit 2021 शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शीर्ष स्तरीय बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शुक्रवार को होने जा रही है। आइए जानें इस सम्‍मेलन में भारत की ओर से कौन कौन से मुद्दे उठाए जा सकते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:06 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:19 AM (IST)
SCO Summit : पीएम मोदी का संबोधन आज, जानें कौन से मुद्दे उठाएगा भारत, क्‍या होगी चीन और पाक की रणनीति
SCO Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वर्चुअल माध्‍यम से भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे...

नई दिल्‍ली, एएनआइ। अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के बाद 17 सितंबर यानी शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शीर्ष स्तरीय बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होने जा रही है। इसमें भारत के साथ साथ एक ही मंच पर चीन, रूस, पाकिस्तान और कुछ मध्य एशियाई देश होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्‍यम से भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर व्यक्तिगत रूप से इसमें भाग लेंगे। आइए जानें इस सम्‍मेलन में भारत की ओर से कौन कौन से मुद्दे उठाए जा सकते हैं।

एक सुर में बोलेंगे पाक और चीन 

इस बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिं‍ग भी शामिल होंगे। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस बैठक में शामिल होने के लिए ताजिकिस्‍तान की राजधानी दुशांबे पहुंच गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में चीन और पाकिस्तान अफगानिस्तान को लेकर एक सुर में बोलेंगे। अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के बाद इस बैठक को भारत बेहद अहमियत दे रहा है। यह बैठक भारतीय कूटनीति की एक अहम परीक्षा साबित होने वाली है।

इन मुद्दों को उठाएगा भारत 

सूत्रों ने बताया कि बैठक में भारत आतंकवाद, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय विकास जैसे मुद्दों को उठाएगा। भारत अफगानिस्‍तान में विकास के मुद्दे को भी पुरजोर तरीके से उठा सकता है। भारत पहले ही कह चुका है कि अफगानिस्‍तान में एक समावेशी सरकार होनी चाहिए जो समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करे। भारत का कहना है कि अफगानिस्‍तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने की दरकार है।

आतंकी पनाहगाह न बने अफगानिस्‍तान 

सूत्रों का कहना है कि भारत अफगानिस्तान में भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के अफगान भूमि के संभावित इस्‍तेमाल से पैदा होने वाले खतरे को उजागर कर सकता है। मालूम हो कि इस साल जून में SCO के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के खिलाफ एक कार्य योजना का प्रस्ताव दिया था।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा 

सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि शंघाई सहयोग संगठन के टेबल पर रखे जाने वाले मुख्‍य एजेंडों में क्षेत्र में मौजूदा राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति, महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियां, संगठन की सदस्यता का विस्तार (पूर्ण सदस्य/संवाद भागीदार/पर्यवेक्षक का दर्जा), बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के अन्य मुद्दे भी शामिल हैं। जहां तक चीन और पाकिस्‍तान की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों की बात है तो वे एकसुर में तालिबान सरकार का समर्थन कर सकते हैं जबकि भारत ने वेट एंड वाच की रणनीति अपना रखी है। 

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