विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- चीन की गलत हरकतों के कारण बिगड़े द्विपक्षीय रिश्‍ते, हमारा पक्ष बेहद स्‍पष्‍ट

विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि समझौतों का उल्लंघन करने की बीजिंग की गतिविधियों के कारण ही भारत और चीन के द्विपक्षीय रिश्‍ते प्रभावित हुए हैं। चीन के नेतृत्व को स्‍पष्‍ट करना चाहिए कि आखिरकार वे द्विपक्षीय संबंधों को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 07:23 AM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- चीन की गलत हरकतों के कारण बिगड़े द्विपक्षीय रिश्‍ते, हमारा पक्ष बेहद स्‍पष्‍ट
एस. जयशंकर का कहना है कि बीजिंग की गतिविधियों के कारण भारत और चीन के द्विपक्षीय रिश्‍ते प्रभावित हुए हैं।

सिंगापुर, पीटीआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के संबंध खराब दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि बीजिंग ने ऐसे कई काम किए हैं, जिनसे समझौतों का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि इन उल्लंघनों के लिए उसके पास अब तक कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं है। यह बताना अब चीनी नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि वह द्विपक्षीय संबंधों को किस ओर ले जाना चाहता है।

भारत ने चीन को बता दिया है कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया में प्रगति शांति की बहाली के लिए अनिवार्य है और यह द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक सुधार का आधार है। 16 सितंबर को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में अपने चीनी समकक्ष वांग ई से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बकाया मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा द्विपक्षीय समझौतों का भी पूरी तरह पालन करना चाहिए।

सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनामिक फोरम में सामूहिक चर्चा के दौरान जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, मुझे नहीं लगता कि चीनी पक्ष को इस बात को लेकर कोई संदेह है कि आपसी संबंधों के मामले में हम कहां खड़े हैं और इसके साथ क्या सही नहीं हो रहा है। मैं अपने समकक्ष वांग ई से कई बार मिल चुका हूं। जैसा कि आपने महसूस किया होगा कि मैं स्पष्ट और तार्किक रूप से समझने वाली बात करता हूं। मेरी बातों में स्पष्टता का कोई अभाव नहीं रहता है। इसलिए यदि वे यह सुनना चाहते हैं तो मुझे विश्वास है कि उन्होंने इसे सुन लिया होगा।

जयशंकर ने इस धारणा को भी हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया कि वैश्विक शक्ति संतुलन के बीच अमेरिका रणनीतिक रूप से अनुबंध कर रहा है और दूसरों को जगह दे रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले की तुलना में अब ज्यादा लचीला साथी है और विचारों के लिए खुला है। इस उलझन में मत पडि़ए कि अमेरिका का पतन हो रहा है। मुझे लगता है कि यह हास्यास्पद है।

भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि दो हजार डालर (लगभग डेढ़ लाख रुपये) से कम प्रति व्यक्ति आय के बावजूद भारत ने दिखाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। अपनी सिंगापुर यात्रा के दौरान जयशंकर ने शुक्रवार को यहां के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री से भेंट की। इन नेताओं के साथ उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विकास और स्वास्थ्य सुरक्षा सहयोग को लेकर चर्चा की। जयशंकर अपनी तीन दिन की यात्रा पर बुधवार को सिंगापुर आए थे।

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