Quad Summit : चीन को कड़ा संदेश दे सकते हैं क्वाड के सदस्य, तय होगी भावी रणनीति की दिशा, इन चुनौतियों पर होगा मंथन

अमेरिका में 24 सितंबर को होने वाली शिखर बैठक क्वाड के इतिहास का एक अहम पन्ना होगा। इन चारों देशों का गठबंधन क्वाड के शीर्ष नेताओं की आपस में होने वाली यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। जानें इस सम्‍मेलन की खास बातें....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:14 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 07:40 AM (IST)
Quad Summit : चीन को कड़ा संदेश दे सकते हैं क्वाड के सदस्य, तय होगी भावी रणनीति की दिशा, इन चुनौतियों पर होगा मंथन
अमेरिका में 24 सितंबर होने वाली शिखर बैठक क्वाड के इतिहास का एक अहम पन्ना होगा।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अमेरिका में 24 सितंबर भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की होने वाली शिखर बैठक क्वाड के इतिहास का एक अहम पन्ना होगा। इन चारों देशों का गठबंधन क्वाड के शीर्ष नेताओं की आपस में होने वाली यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। इस साल मार्च में इन नेताओं की वर्चुअल बैठक में जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी थी उन पर विस्तार से आगामी बैठक में चर्चा होगी। जानें इस सम्‍मेलन की खास बातें....

तय होगी क्‍वाड की भूमिका 

जानकारों के मुताबिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड की भूमिका की दिशा तय करने वाली अभी तक की यह सबसे बड़ी बैठक होगी। इसमें सैन्य मुद्दों पर सहयोग के कई आयामों पर सहमति बनाने के प्रयास तो होंगे ही, साथ ही ढांचागत विकास और महामारी से जुड़े कुछ बेहद अहम मुद्दों को भी गति मिलेगी। उक्त चारों देशों की तरफ से हिंद प्रशांत क्षेत्र के तकरीबन 33 देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना भी इस बैठक में ठोस रूप ले सकती है।

क्वाड का बड़ा एजेंडा

हिंद प्रशांत क्षेत्र के 33 देशों को कोरोना वैक्सीन पहुंचाने का रोडमैप क्वाड के चार देशों के नौ सेना अभ्यास को विस्तार देना समान सोच वाले दूसरे देशों के साथ क्वाड का सैन्य गठबंधन क्वाड के सहयोग से दूसरे देशों में ढांचागत विकास की रणनीति

अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी

क्वाड भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान यानी चार देशों का एक समूह है। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है। क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन और जापान के पीएम योशीहिदे सुगा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठक होगी।

द्विपक्षीय मुलाकातों में भी हावी रहेंगे क्‍वाड के मुद्दे 

मोदी की बाइडन एवं सुगा के साथ यह पहली मुलाकात होगी। जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी की अन्य नेताओं के साथ होने वाली द्विपक्षीय मुलाकातों में जो मुद्दे उठेंगे उसमें क्वाड से जुड़े मुद्दे सबसे अहम होंगे। कोशिश यह है कि शीर्ष स्तर पर पहले उन मुद्दों को लेकर आपसी विमर्श हो जाए जिस पर एक साथ चारों नेताओं के बीच चर्चा होनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति की भी उसी दिन पीएम सुगा व पीएम मारीसन के साथ अलग से द्विपक्षीय बैठक है।

क्‍वाड पर इसलिए है अमेरिका का जोर 

यह भी बताया जा रहा है कि बैठक की तैयारियों में अमेरिका के साथ भारत की जो बैठकें हो रही हैं उससे इस बात का अहसास हो रहा है कि अमेरिकी पक्ष क्वाड को लेकर पहले से भी ज्यादा गतिशील होना चाहता है। इसे अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को अमेरिकी कूटनीति की नाकामी के तौर पर प्रदर्शित किए जाने से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में जिस तरह से अमेरिका ने ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के साथ मिल कर एक नया सैन्य सहयोग स्थापित करने का संदेश दिया है, उससे भी यही संकेत जा रहा है।

चीन को कड़ा संदेश दे सकते हैं क्वाड के सदस्य

इस बार क्वाड बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र में हिंद प्रशांत महासागर में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर सीधा व कड़ा जबाव दिया जा सकता है। अभी तक इस बारे में इशारों में ही बातें की जाती रही हैं। हिंद प्रशांत क्षेत्र के अलावा कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान और दूसरे देशों में साझा तौर पर ढांचागत व्यवस्था को मजबूत करना दो अन्य मुद्दे हैं जो काफी अहम होंगे।

कोरोना और टीकाकरण की चुनौतियों पर चर्चा 

मार्च 2021 में हुई वर्चुअल बैठक में चारों देशों के बीच व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने को लेकर सहमति बनी थी। इसके बाद चारों देशों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। माना जा रहा है कि इस बार यह अभियान ज्यादा ठोस रूप ले लेगा।

तकनीकी सहयोग पर हो सकता है अहम फैसला

पिछली बैठक में महत्वपूर्ण तकनीकी पर आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। यह कदम भी चीन की तकनीकी कंपनियों के बढ़ते वर्चस्व को चुनौती देने से जुड़ा हुआ है। लेकिन चारों देशों की तरफ से इस दिशा में अभी कोई खास काम नहीं हो सका है। संभवत: आगामी बैठक में इस बारे में ज्यादा ठोस कदम उठाये जा सकेंगे। इसी तरह से क्वाड को विस्तार देने का मुद्दा भी एजेंडे में है लेकिन इस बारे में भी अभी किसी तरह की नई घोषणा होने की संभावना नहीं है।

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