भारत की दो-टूक, मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्‍तान

भारत ने पाकिस्तान से एक बार फिर कहा है कि वह आतंकवाद के नेटवर्क और उसके छद्म स्वरूप के खिलाफ विश्वसनीय सत्यापित करने योग्य एवं अपरिवर्तनीय कदम उठाए और 26/11 के मुंबई व पठानकोट हमलों को अंजाम देने वालों को न्याय के शिकंजे में लाए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 10:44 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 12:01 AM (IST)
भारत की दो-टूक, मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्‍तान
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह 26/11 हमलों को अंजाम देने वालों को न्याय के शिकंजे में लाए।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत ने पाकिस्तान से एक बार फिर कहा है कि वह आतंकवाद के नेटवर्क और उसके छद्म स्वरूप के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापित करने योग्य एवं अपरिवर्तनीय कदम उठाए और 26/11 के मुंबई व पठानकोट हमलों को अंजाम देने वालों को न्याय के शिकंजे में लाए। इसके साथ ही भारत ने तालिबान के कुछ नेताओं के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात की खबरों को पूरी तरह से झूठी और शरारतपूर्ण बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को ग्रे (संदिग्ध) सूची में रखने के निर्णय के बारे में पूछा गया था। बागची ने कहा, 'जहां तक आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण की बात है तो इस बारे में हमारी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। हम आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा करते हैं और सभी देशों से अपेक्षा करते हैं कि वे सीमापार आतंकवादियों की आवाजाही, आतंकियों की पनाहगाह और उनके वित्त पोषण को खत्म करने के लिए विश्वसनीय कदम उठाएंगे।'

अफगानिस्तान में तालिबान नेताओं के साथ जयशंकर की मुलाकात की खबरों का खंडन करते हुए बागची ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में सभी शांति वार्ताओं का समर्थन करते हैं और इस बारे में विभिन्न पक्षकारों के संपर्क में हैं। अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर उन्होंने कहा, 'हम वहां हिंसा बढ़ने से चिंतित हैं और इसी आधार पर हमने अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है।'

उल्‍लेखनीय है कि पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को गोलियों की बौछार करते हुए हमले किए थे। करीब 60 घंटे चले इस आतंकी हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे जबकि कई अन्य जख्‍मी हो गए थे। हमले में सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, आतंकवाद-विरोधी दस्ता (एटीएस) के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामते, वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर, और एएसआई तुकाराम ओमबाले शहीद हो गए थे। 

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