ट्रेड समझौते पर चर्चा शुरू करेंगे भारत-ईयू, नीदरलैंड के पीएम के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संकेत

भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच कारोबार और निवेश समझौते पर स्थगित वार्ता मई 2021 के बाद फिर से शुरू हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के बीच हुई वर्चुअल शिखर वार्ता से ऐसे संकेत मिले हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 06:05 AM (IST)
ट्रेड समझौते पर चर्चा शुरू करेंगे भारत-ईयू, नीदरलैंड के पीएम के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संकेत
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच निवेश समझौते पर स्थगित वार्ता मई के बाद शुरू हो सकती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच कारोबार और निवेश समझौते पर स्थगित वार्ता मई, 2021 के बाद फिर से शुरू हो सकती है। यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में मोदी सरकार खास ध्यान दे रही है, उसे देखते हुए कारोबार और निवेश समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के बीच हुई वर्चुअल शिखर वार्ता में उक्त समझौते को लेकर काफी बात हुई।

पहले भी हुई थी चर्चा

इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी की स्वीडन और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग शिखर वार्ताओं में भी निवेश समझौते को लेकर चर्चा हुई थी और सभी देशों की तरफ से संकेत दिए गए कि इसे अंतिम रूप देने में देरी नहीं होनी चाहिए।

निवेश के हिसाब से महत्वपूर्ण

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के हट जाने के बाद अब नीदरलैंड की भूमिका भारत के लिए निवेश और कारोबार के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण हो गई है। यूरोपीय संघ से होने वाले कारोबार का एक बड़ा हिस्सा नीदरलैंड के बंदरगाहों से ही किया जाएगा। इस वजह से ही प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से प्रधानमंत्री रूट के समक्ष भारत-ईयू ट्रेड समझौते को उठाया गया।

भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि भारत के लिए नीदरलैंड यूरोपीय संघ के बाजार में एक द्वार की तरह होगा। मई, 2021 में प्रधानमंत्री मोदी पुर्तगाल की यात्रा पर जाने वाले हैं जहां भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक होगी। इसमें द्विपक्षीय कारोबार और निवेश समझौते को लेकर फिर से बातचीत शुरू होने पर फैसला संभव है।

वर्ष 2013 से स्थगित है वार्ता

सनद रहे कि दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता वर्ष 2013 से स्थगित है। दूसरी तरफ, चीन ने हाल ही में यूरोपीय संघ के साथ इस तरह के एक करार पर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं। यह भी एक वजह है कि भारत की तरफ से तेजी दिखाई जा रही है।

यूरोपीय संघ की भूमिका होगी अहम

भारत मानता है कि विश्व मंच पर जिस तरह का बदलाव आ रहा है उसमें यूरोपीय संघ की भी अहम भूमिका रहेगी। यही वजह है कि कोरोना महामारी के बावजूद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी इटली, लैग्जमबर्ग, फिनलैंड और स्वीडन की सरकारों के प्रमुखों के साथ शिखर बैठक (वर्चुअल) कर चुके हैं।

रिश्तों पर खास फोकस

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडेरिकसन भारत दौरे पर आ रही हैं। बहुत संभव है कि प्रधानमंत्री पुर्तगाल की यात्रा के दौरान कुछ दूसरे यूरोपीय संघ के देशों का भी संक्षिप्त दौरा करें। यूरोपीय संघ में आर्थिक तौर पर मजबूत देश फ्रांस और जर्मनी के साथ भी रिश्तों पर मौजूदा सरकार का खास ध्यान है। सनद रहे कि भारत और यूरोपीय संघ न सिर्फ एक दूसरे के रणनीतिक साझेदार हैं बल्कि यूरोपीय संघ बहुत बड़ा निवेशक भी है।

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