भारत और बांग्लादेश ने मनाया मैत्री दिवस, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द जाएंगे ढाका, जानें क्‍या होगा एजेंड़ा

50 वर्ष पहले छह दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान से अलग हुए देश बांग्लादेश को मान्यता दी थी। इस उपलक्ष्य में सोमवार को ढाका नई दिल्ली समेत दूसरे कई देशों की राजधानियों में मैत्री दिवस का आयोजन किया गया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:37 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:37 PM (IST)
भारत और बांग्लादेश ने मनाया मैत्री दिवस, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द जाएंगे ढाका, जानें क्‍या होगा एजेंड़ा
50 वर्ष पहले छह दिसंबर, 1971 को भारत ने पाकिस्तान से अलग हुए देश बांग्लादेश को मान्यता दी थी।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 50 वर्ष पहले छह दिसंबर, 1971 को भारत ने पाकिस्तान से अलग हुए देश बांग्लादेश को मान्यता दी थी। इस उपलक्ष्य में सोमवार को ढाका, नई दिल्ली समेत दूसरे कई देशों की राजधानियों में मैत्री दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर को खास बनाते हुए भारत ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के बांग्लादेश की राजकीय यात्रा पर जाने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए पीएम शेख हसीना के साथ आगे भी काम करने को उत्सुक हैं। शेख हसीना ने भी नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारत से मिले सहयोग को याद किया और धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि बांग्लादेश को मान्यता देने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति कोविन्द इसी महीने 15-17 तारीख के बीच ढाका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे। वहां उनकी राष्ट्रपति डा. एके अब्दुल मेमन से मुलाकात होगी। शेख हसीना के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। इसमें द्विपक्षीय रिश्तों की भावी दिशा पर भी विचार होगा।

मार्च 2021 में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शती व आजादी के 50 वर्ष पूरा होने पर वहां की यात्रा की थी। कोरोना काल में राष्ट्रपति के लिए भी यह पहला विदेश दौरा होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत की नेबरहुड फ‌र्स्ट नीति में बांग्लादेश एक प्रमुख स्तंभ है। दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, ढांचागत विकास, संचार, बिजली, पेट्रोलियम जैसे तमाम क्षेत्रों में सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। भारत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी बांग्लादेश की बहुत मदद कर रहा है। 

मैत्री दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि वर्ष 2015 में भूमि सीमा समझौते के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए गए हैं। पिछले कुछ समय में दोनों देशों ने वर्ष 1965 के पहले के छह रेलवे संपर्क लाइनों में से पांच को फिर से चालू कर दिया है। छठी संपर्क लाइन भी जल्द ही शुरू की जाएगी। अखौरा और अगरतला के बीच एक नई रेल लाइन भी शुरू की जा रही है।

दोनों देशों के बीच एक समान बिजली मार्केट विकसित हो रहा है। 1,100 मेगावाट बिजली अभी बांग्लादेश को दी जा रही है। दोनों देश मिलकर 1,320 मेगावाट क्षमता का बिजली प्लांट स्थापित कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा में भी सहयोग स्थापित किया जा रहा है। जल्द ही दोनों देशों के बीच हाइड्रोकार्बन पाइपलाइन की भी शुरुआत हो जाएगी। कोरोना के बाद दोनों देशों में सहयोग की नई संभावनाएं बनी हैं। आइटी सेक्टर और हेल्थकेयर में इसकी शुरुआत हो रही है।

विदेश सचिव ने म्यांमार से आए 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों को आश्रय देने को लेकर बांग्लादेश की तारीफ की और इसकी तुलना 1971 की लड़ाई में भारत में शरण के लिए आए एक करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी शरणार्थियों की स्थिति से भी की। उन्होंने बताया कि किस तरह से पाकिस्तानी सेना ने मार्च 1971 में 30 लाख से ज्यादा बांग्लादेशियों का नरसंहार किया था।

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