महिला तीरंदाजी टीम कोटा हासिल करने की प्रबल दावेदार, ओलंपिक से पहले है आखिरी क्वालीफायर
टोक्यो ओलंपिक खेलों में अब करीब एक महीने का समय बाकी है। इससे पहले भारतीय महिला तीरंदाजों के पास ओलंपिक खेलों में भाग लेने का मौका है। आखिरी क्वालीफायर टूर्नामेंट में वे आत्मविश्वास के साथ उतरेंगी। विश्व कप के पहले चरण के मुकाबले शुरू हो रहे हैं।
पेरिस, पीटीआइ। विश्व कप के पहले चरण में स्वर्ण पदक जीतकर आत्मविश्वास से भरी दीपिका कुमारी, अंकिता भगत और कोमोलिका बारी की भारतीय महिला रिकर्व टीम रविवार को यहां टोक्यो 2020 के अंतिम क्वालीफायर में टीम का कोटा हासिल करने के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। अगर यहां भारतीय महिला तीरंदाजों से कोई चूक होती है तो फिर वे टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में कोटा हासिल करने से वंचित रह जाएंगी।
भारत के पास पेरिस में सिंगल्स महिला कोटा स्थान को जापान में टीम कोटा में बदलने के लिए अंतिम मौका होगा। भारत कोशिश करेगा कि उसकी दूसरी और तीसरी रिकर्व तीरंदाज क्वालीफाई करके दीपिका के साथ पहुंच जाए जो अपना लगातार तीसरा ओलंपिक खेलने को तैयार हैं। ऐसा करने के लिए उन्हें 28 टीमों के बीच शीर्ष तीन में रहना होगा।
इन टीमों में मजबूत कोलंबिया, डेनमार्क, इटली, स्पेन, तुर्की और मेक्सिको शामिल हैं जिन्होंने ग्वाटेमाला सिटी में विश्व कप फाइनल में भारत को कड़ी चुनौती दी थी। विश्व कप के पहले चरण में शूटआफ में फाइनल गंवाने वाली मेक्सिको की टीम दो महीने बाद फिर से भारत के सामने खड़ी होगी जिसमें लंदन ओलंपिक की रजत पदक विजेता ऐडा रोमन, अलेजांद्रा और अन्ना वाज्क्वेज शामिल हैं। इन 28 टीमों में से चार क्वालीफिकेशन दौर से बाहर हो जाएंगी जबकि शीर्ष आठ सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करेंगी।
पिछले प्रयास में भारतीय महिला टीम दो साल पहले नीदरलैंड्स के डेन बोश में विश्व चैंपियनशिप में बेलारूस से 2-6 से हारकर क्वालीफाई करने में असफल रही थी जबकि पुरुष टीम ने अपना पहला कोटा हासिल किया था। टोक्यो ओलंपिक खेलों में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में टूर्नामेंट की तैयारियों के मद्देनजर भी ये टूर्नामेंट खास है।