Tokyo Olympics: रेसलर रवि दहिया का ओलिंपिक सेमीफाइनल में धमाल, देश के लिए लाएंगे सोने या चांदी का तमगा
Tokyo Olympics 2020 जापान के टोक्यो में आयोजित हुए ओलिंपिक में भारत के गोल्ड मेडल की उम्मीद को रवि दहिया ने बढ़ा दिया है। शानदार प्रदर्शन करते हुए 57 किलो भारवर्ग में कजाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव को मात दिया।
नई दिल्ली, ऑललाइन डेस्क। भारतीय पहलवानों ने एक बार फिर से देश के लिए कमला का प्रदर्शन करते हुए ओलिंपिक मेडल पक्का किया है। जापान के टोक्यो में आयोजित हुए ओलिंपिक में भारत के गोल्ड मेडल की उम्मीद को रवि दहिया ने बढ़ा दिया है। शानदार प्रदर्शन करते हुए 57 किलो भारवर्ग में कजाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव को मात दिया। रवि ने विक्ट्री बाय फॉल से फाइनल में जगह पक्का किया जिसे पाना बेहद मुश्किल माना जाता है।
बुधवार को भारतीय पहलवान रवि ने एक के बाद के तीन मैच में विरोधी खिलाड़ियों को चित करते हुए भारत के लिए एक पदक पक्का किया। इसी के साथ अब भारत के गोल्ड मेडल पाने की उम्मीद और भी बढ़ गई है।
He was 3-9 down, with momentum and time against him. But he still didn't lose heart and with a couple of amazing offensive moves, pinned down a two-time world championship medallist. 👏
Ravi Kumar Dahiya, you are a champion! 🙌#Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether pic.twitter.com/WAU6E7LdmK
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 4, 2021
सेमीफाइनल मैच के आखिरी के तीन मिनट में वह 2-9 से पीछे चल रहे थे लेकिन धमाकेदार वापसी करते हुए स्कोर तो पलक झपकते ही 7-9 कर दिया। मैच इसी स्कोर पर खत्म हुआ लेकिन अंतिम में भारतीय पहलवान ने जो कजाकिस्तानी खिलाड़ी पटखनी दी और उनको चित किया उसने विक्ट्री बाय फॉल दिलाया।
क्या होती है विक्ट्री बाय फॉल
भारतीय स्टार एक वक्त पर मैच में काफी पीछे हो चुके थे लेकिन आखिर के मिनटों में रवि ने कजाक पहलवान को चित करके मुकाबला जीता। इंटरनेशनल रेसलिंग में इस तरह से जीत हासिल करने को विक्ट्री बाय फॉल कहा जाता है। ऐसे जीत हासिल करना किसी भी पहलवान के लिए आसान नहीं होता। इस जीत को हासिल करने के लिए पहलवान को अपने प्रतिद्वंद्वी को चित कर उसके दोनों कंधे मैट से लगाना होता है। जब ऐसा किया जाता है तो इसे ही टेकनिकल भाषा में विक्ट्री बाय फॉल कहते हैं।