भारत को पदक दिलाने से सिर्फ एक जीत दूर हैं महिला बॉक्सर पूजा रानी, क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह

पूजा रानी अब 31 जुलाई को क्वार्टर फाइनल में ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता दो बार की एशियाई चैंपियन और पूर्व विश्व गोल्ड मेडल विजेता चीन की लि कियान से भिड़ेंगी। चीन की 31 साल की मुक्केबाज का पूजा के खिलाफ रिकार्ड शानदार है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:08 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:08 PM (IST)
भारत को पदक दिलाने से सिर्फ एक जीत दूर हैं महिला बॉक्सर पूजा रानी, क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
भारतीय महिला मुक्केबाज पूजा रानी (एपी फोटो)

टोक्यो, प्रेट्र। भारतीय महिला बॉक्सर पूजा रानी अब अपने देश के लिए मेडल जीतने से सिर्फ एक कदम दूर हैं। उन्होंने 75 किलोग्राम भारवर्ग बॉक्सिंग इवेंट में अपनी विरोधी अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से हराकर कर क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। तीस साल की इस भारतीय महिला मुक्केबाज ने पूरे मैच के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा। दो बार की एशियाई चैंपियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाए हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला।

तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलिंपिक खेल रही थीं लेकिन वो मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं। रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया। रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किए जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने की कोशिश कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकती रहीं। रानी का ओलिंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वो कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था। आर्थिक कमी के बावजूद वो यहां तक पहुंची हैं। उनके पिता पुलिस अधिकारी हैं जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिए ही है।

पूजा रानी अब 31 जुलाई को क्वार्टर फाइनल में ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता, दो बार की एशियाई चैंपियन और पूर्व विश्व गोल्ड मेडल विजेता चीन की लि कियान से भिड़ेंगी। चीन की 31 साल की मुक्केबाज का पूजा के खिलाफ रिकार्ड शानदार है। वो भारतीय मुक्केबाज पूरा रानी को 2014 एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में और पिछले साल जोर्डन में एशियाई ओलिंपिक क्वॉलिफायर में भी हरा चुकी हैं। पिछले रिकार्ड को देखते हुए पूजा को काफी सावधानी से खेलना होगा क्योंकि उनकी हार भारत के एक और पदक के सपने को तोड़ सकता है। पूजा अगर अपना अगला मुकाबला जीत लेती हैं तो भारत के लिए एक पदक पक्का कर देंगी। 

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