ओलिंपिक पदक की उम्मीद टूटने पर मनु का आरोप, पिस्टल बनाने वाली कंपनी ने भी कोच पर दोष मढ़ा
पिस्टल बनाने वाली कंपनी की तरफ से कहा गया मुझे समझ में नहीं आता कि भारतीय कोच आपने आपको एक शानदार मैकेनिक क्यों समझते हैं। उन्होंने लिवर बदलने के चलते इलेक्ट्रानिक सर्किट तोड़ दिया। उन्हें इस मामले पर हमसे मदद लेनी चाहिए थी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। टोक्यो ओलिंपिक में शनिवार को मनु भाकर की पिस्टल में तकनीक खामी आई और वह करीब 20 मिनट तक निशाना नहीं लगा पाई थी। इससे उन्हें क्वालिफिकेशन में हार का सामना करना पड़ा। वह पिस्टल बनाने वाली स्विस कंपनी मोरिनी के अधिकारी फ्रांसिस्को रेपिच ने कहा कि मनु की पिस्टल जल्दी ठीक की जा सकती थी लेकिन भारतीय कोचों ने कोई मदद नहीं मांगी।
कोचों ने जज (अंकों का मूल्यांकन करने वाले अधिकारी) को भी पिस्टल बदलने के बाद चेक करने से मना कर दिया था। रेपिच ने भाकर की स्पर्धा के जज से बात करने के बाद कहा, 'हम सभी 22 जुलाई से खेल गांव में ही हैं और निशानेबाजी स्पर्धाओं में नजर बनाए हुए हैं। मनु के जज ने मुझे बताया कि एक बार पिस्टल खराब होने के बाद उन्होंने (जज) भारतीय कोचों से उसे चेक करने के लिए कुछ खाली शाट्स मारने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिसके बाद दोबारा फिर से पिस्टल खराब निकली।
मुझे समझ में नहीं आता कि भारतीय कोच आपने आपको एक शानदार मैकेनिक क्यों समझते हैं। उन्होंने लिवर बदलने के चलते इलेक्ट्रानिक सíकट तोड़ दिया। उन्हें इस मामले पर हमसे मदद लेनी चाहिए थी। मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा यह सभी खिलाड़ी हमारे दिल के काफी करीब हैं और हमारे द्वारा ही निíमत हथियार का इस्तेमाल करते हैं।
कोच ने जब गड़बड़ी कर दी उसके बाद पिस्टल पर सवाल उठाना। यह सब चलता रहता है।' मनु भाकर की पिस्टल में खराबी तब आई जब उन्हें 55 मिनट में 44 शाट लेने थे। इसके बाद मनु सिर्फ 14 शाट में 575 अंक ही हासिल कर पाईं और 12वें स्थान पर रहने के साथ फाइनल्स में जगह बनाने से चूक गई।