Tokyo Olympic Games: जापान ने भारतीय ओलंपिक दल पर लगाए कड़े नियम, IOA है नाराज
Tokyo Olympic Games 2020 के लिए भारतीय दल जापान रवाना होगा लेकिन इससे पहले जापान की सरकार ने भारतीय ओलंपिक दल पर कड़े नियम थोप दिए हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण सख्त प्रोटोकॉल भारत के खिलाफ अपनाया जाएगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। जापान की सरकार ने टोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों को रवानगी से एक हफ्ते पहले प्रतिदिन कोविड-19 जांच कराने और पहुंचने के बाद तीन दिन तक किसी अन्य देश के किसी भी व्यक्ति से मेलजोल नहीं करने को कहा है जिससे भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) काफी नाराज है। ये सख्त नियम उन 11 देशों के सभी यात्रियों (खिलाड़ी, कोच व सहयोगी स्टाफ शामिल) के लिए लगाए गए हैं जहां कोविड-19 के अलग-अलग मामले सामने आए हैं। इन देशों में भारत भी शामिल हैं।
आइओए ने इसकी काफी कड़ी आलोचना की और इन्हें अनुचित और भेदभावपूर्ण बताया। भारत में दूसरी लहर के बाद कोविड-19 हालात काफी सुधर चुके हैं और रोज संक्रमण के मामले कम होते जा रहे हैं। भारत को ग्रुप-एक में अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ रखा गया है और इन देशों को जापान सरकार ने कड़े नियम लगाए हैं।
आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में नए नियमों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'खिलाडि़यों को खेल गांव में अपनी स्पर्धा से केवल पांच दिन पहले ही प्रवेश दिया जाएगा। अब तीन दिन का समय खराब होगा। यह ऐसा समय होता है जिसमें खिलाडि़यों को अपनी फार्म के शीर्ष पर पहुंचने की जरूरत होती है। भारतीय खिलाडि़यों के लिए अनुचित है। इन तीन दिनों में खिलाड़ी अपना नाश्ता, लंच आर डिनर वगैरह कब और कहां करेंगे क्योंकि हर कोई खेल गांव के फूड हाल में खाना लेता है जहां सभी खिलाड़ी और अन्य राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (एनओसी) के अधिकारी हमेशा मौजूद रहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'अगर फूड पैकेट खिलाडि़यों के कमरे के बाहर पहुंचाए जाएंगे तो उनके शरीर की जरूरतें जैसे प्रोटीन या खाने की पसंद की योजना कौन बनाएगा और क्या इससे खिलाडि़यों के प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ेगा जिन्हें अपनी पसंद की डाइट नहीं मिलेगी और वो भी ओलंपिक से महज पांच दिन पहले।' कई खिलाड़ी जैसे भारोत्तोलक मीराबाई चानू, पहलवान विनेश फोगाट, भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा विदेशों में ट्रेनिंग कर रहे हैं और वे वहीं से टोक्यो पहुंचेंगे। हालांकि भारतीय दल के ज्यादातर सदस्य भारत से ही रवाना होंगे और इन नियमों से उनकी ट्रेनिंग प्रभावित होगी।
आइओए ने इन नियमों की जरूरत पर भी सवाल उठाए कि भारत से जाने वाले से सभी खिलाडि़यों का टीकाकरण हो गया और रवानगी से पहले एक हफ्ते तक रोज उनकी जांच होगी। उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी कब और कहां अभ्यास करेंगे क्योंकि अभ्यास और ट्रेनिंग स्थल कभी भी खाली नहीं होते। और अन्य एनओसी के खिलाड़ी और अधिकारी हर वक्त मौजूद होते हैं। हम किसी भी देश के खुद के देश को सुरक्षित रखने के फैसले का सम्मान करते हैं, खिलाड़ी जो भारत से जा रहे हैं, उन्हें टीके की दोनों डोज लगी होंगी, रवानगी से पहले प्रत्येक दिन आरटीपीसीआर परीक्षण हुआ होगा। तो फिर खिलाडि़यों को ऐसे समय पर क्यों परेशान किया जाए जब उन्हें अपने शिखर पर होने की जरूरत है, यह भारतीय खिलाडि़यों के लिए काफी अनुचित है जिन्होंने पांच साल तक कड़ी मेहनत की और उनके साथ ओलंपिक से महज पांच दिन पहले ही भेदभाव होगा।
- ये होंगे मुख्य नियम -
यात्रा करने से पहले : जापान के लिए रवानगी से पहले सभी को सात दिन तक प्रत्येक दिन परीक्षण कराना होगा।
शारीरिक दूरी : जापान के लिए रवानगी से पहले सात दिन अन्य लोगों से शारीरिक मेलजोल बिलकुल न्यूनतम रखना होगा जिसमें कोई अन्य टीम, दल या देश शामिल हैं। यहां तक कि खिलाड़ियों और अधिकारियों को जापान पहुंचने के बाद तीन दिन तक अपने दल के अलावा किसी अन्य से मेलजोल की अनुमति नहीं दी जाएगी।
खेलों के दौरान परीक्षण : खेलों के दौरान हर दिन परीक्षण होगा जो सभी खिलाडि़यों और अधिकारियों के लिए होगा।
खेल गांव : खिलाड़ियों को खेल गांव में भी अपनी प्रतिस्पर्धा शुरू होने से पांच दिन पहले ही प्रवेश दिया जाएगा।