'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के..' टोक्यो ओलिंपिक में भारत की बेटियों का जलवा
म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के.. भारोत्तोलक मीराबाई चानू के रजत पदक शटलर पीवी सिंधू के कांस्य पदक जीतने और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहाई के पदक पक्का करने के बाद अब भारतीय महिला हाकी टीम ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की हो।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम टोक्यो ओलिंपिक में पूरे दम खम के साथ उतरी लेकिन धीरे धीरे उसके एक-एक खेल में पदक की उम्मीद आहिस्ता आहिस्ता खत्म होती जा रही है। भारत की झोली में अब तक दो पदक आए और एक पक्का हुआ है। कमाल की बात यह है कि भारत के मेडल का खाता भी महिला खिलाड़ी मीराबाई चानू ने रजत पदक से खोला और इसके बाद कान्स पदक पीवी सिंधु ने हासिल किया। एक पदक बॉक्सर लवलीना ने पक्का किया है।
'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के..' भारोत्तोलक मीराबाई चानू के रजत पदक, शटलर पीवी सिंधू के कांस्य पदक जीतने और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहाई के पदक पक्का करने के बाद अब भारतीय महिला हाकी टीम ने वो कर दिखाया, जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की हो।
ड्रैगफ्लिकर गुरजीत कौर के गोल और गोलकीपर सविता रूपी दीवार की बदौलत भारत ने सोमवार को विश्व रैंकिंग में दूसरे नंबर पर काबिज आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। अब भारतीय टीम का सामना अर्जेटीना से होगा, जिसने दूसरे क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया।
भारतीय पुरुष हाकी टीम ने रविवार को 49 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाई तो सोमवार को महिला हाकी टीम ने भी भारतीय हाकी के पुराने गौरव को लौटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गुरजीत ने 22वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर पर महत्वपूर्ण गोल किया। इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी, जिसमें वह सफल भी रही। अंतिम सीटी बजने के साथ ही भारतीय खिलाड़ी खुशी से झूम उठीं और भारतीय कोच शोर्ड मारिन की आंखों से आंसू निकल आए।
रानी रामपाल की अगुआई वाली टीम की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पूल चरण में उसे शुरू में संघर्ष करना पड़ा। भारतीय टीम अपने पूल में दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड को हराकर चौथे स्थान पर रही थी, जबकि आस्ट्रेलिया अपने पूल में शीर्ष पर रहा था।