पिस्टल ने दिया 'धोखा' और सिर्फ दो पॉइंट से फाइनल में जगह नहीं बना पाईं मनु भाकर, पदक का सपना चकनाचूर
क्वालिफिकेशन में मनु भाकर शानदार प्रदर्शन कर रहीं थीं लेकिन तभी उनके पिस्टल ने उन्हें धोखा दे दिया। उन्होंने फाइनल की बर्थ सिर्फ 2 पॉइंट से मिस की। वहीं यशस्विनी के लिए भी ये फासला सिर्फ 3 अंकों का रहा।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। टोक्यो ओलिंपिक में सुपर संडे की शुरुआत भी भारत के लिए अच्छी नहीं रही। महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में जगह बनाने में भारत की दो निशानेबाज मुन भाकर और यशस्विनी देशवाल नाकाम रहीं। क्वालिफिकेशन राउंड में दोनों ही निशानेबाजों का निशाना चूक गया। फाइनल में जगह बनाने के लिए टॉप 8 में पहुंचना होता है, लेकिन मनु इस क्रम में 12वें नंबर पर रहीं तो यशस्वनी 13 वें नंबर पर।
फाइनल की बर्थ सिर्फ 2 पॉइंट से मिस
क्वालिफिकेशन में मनु भाकर शानदार प्रदर्शन कर रहीं थीं, लेकिन तभी उनके पिस्टल ने उन्हें धोखा दे दिया। उन्होंने फाइनल की बर्थ सिर्फ 2 पॉइंट से मिस की। वहीं यशस्विनी के लिए भी ये फासला सिर्फ 3 अंकों का रहा। क्वालिफिकेशन राउंड में मनु भाकर ने 575 अंक हासिल किए और वो 12वें नंबर पर रहीं, जबकि यशस्विनी देशवाल ने 574 पॉइंट बटोरे और उन्होंने 13वें नंबर पर फीनिश किया।
पिस्टल में तकनीकी खराबी से पांच मिनट से भी ज्यादा का वक्त हुआ खराब
फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए इन दोनों को 577 पॉइंट की जरूरत थी। भारतीय शूटर मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड की शुरुआत जोरदार की थी। उनके दमदार टच को देखकर लग भी रहा था कि वो फाइनल में पहुंच सकती हैं, लेकिन तभी उन्हें पिस्टल में तकनीकी खराबी आ गई। इस वजह से उनका 5 मिनट से भी ज्यादा का वक्त खराब हुआ और, जब पिस्टल ठीक होने के बाद वो लौटीं तो उनके निशानों पर वक्त का दबाव साफ दिखा। उसी का असर रहा कि वो फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। हालांकि, उन्होंने वापसी की कोशिश अपने लास्ट शॉट तक की थी। फ्रांस और युक्रेन के शूटर से उनका शूट ऑफ भी हुआ, पर पिस्टल की तरह किस्मत का भी साथ नहीं मिला।
मनु की पिस्टल के इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर में आई खराबी
मनु के पिता रामकिशन भाकर और साथ ही नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के एक अधिकारी ने कहा कि क्वालिफिकेशन के सेकेंड सीरीज के बीच में मनु की पिस्टल के इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर में खराबी आ गई थी। ठीक होने के बाद वह लौटीं, लेकिन उनकी लय बिगड़ गई थी। पहली सीरिज में 98 के बाद उन्होंने 95, 94 और 95 का स्कोर किया।