लंबी रैलियों की वजह से धीमा हुआ पीवी सिंधू का खेल, लेकिन पदक की उम्मीद बाकी- ज्वाला गट्टा
ज्वाला गट्टा ने कहा कि ताई जैसी शानदार फार्म में चल रही खिलाड़ी के सामने आपके पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं रह जाता। पहले गेम में कुछ लंबी रैलियां देखने को मिलीं जिसके बाद सिंधू थोड़ी धीमी हो गईं।
(ज्वाला गट्टा का कालम)
ताई जु यिंग ने वही किया जिस काम में वह माहिर हैं। वह एक ताजी, चतुर और स्पष्ट योजना के साथ कोर्ट पर उतरीं। दो फिट खिलाडि़यों के बीच सबसे बड़ा अंतर यही था कि पीवी सिंधू की तुलना में ताई ने नेट पर ज्यादा कमाल का प्रदर्शन किया और उनके खेल में काफी विविधता भी दिखाई दी। चीनी ताइपे की स्टार खिलाड़ी शुरुआत में कुछ दबाव में दिखीं और इसी वजह से पहले गेम में कुछ अनावश्यक गलतियां कर बैठीं, लेकिन उसके बाद वह सहज दिखाई दीं। पिछले कुछ साल से ताई बड़ी मैचों की खिलाड़ी बनकर उभरी हैं और नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है।
मैच खत्म होते ही मुझसे पूछा गया कि क्या सिकू के पास प्लान बी नहीं था। मेरा जवाब सीधा सा था, दोनों खिलाड़ियों में ताई यु यिंग ज्यादा क्रिएटिव हैं और उन्होंने हर वो चीज लागू की जिससे उन्हें 2019 की विश्व चैंपियन पर लगातार चौथी जीत हासिल हो सके। अगर ताई यिंग ऐसी फॉर्म में हों तो उनका सामना करना बेहद मुश्किल हो जाता है। ताई ने अपनी कलाई का इस्तेमाल करके जो अंक बटोरे उसका सिंधू के पास कोई जवाब नहीं था। इसका ये भी मतलब हुआ कि सिंधु को एक अतिरिक्त कदम उठाना पड़ा क्योंकि वो पहले पीछे जातीं लेकिन डिसेप्शन की वजह से उन्हें आगे आना पड़ता।
दूसरे गेम में इसीलिए सिंधू थकी हुईं नजर आईं और धीमी भी। मुझसे ये भी पूछा गया कि क्या सिंधू पर इस बात का भी दबाव था कि अभी तक भारतीय दल सिर्फ एक पदक जीत सका है और एक निश्चित कर सका है। मुझे नहीं लगता कि वह पहले से अपेक्षाओं का जितना भार ढो रही थी उसमें इससे कोई फर्क पड़ता। ये कल्पना करना भी काफी मुश्किल है कि वो किस दबाव में खेल रही थीं। सिंधू अहम मुकाबले में थोड़ा तनाव में आ जाती हैं, लेकिन इसके लिए मैं उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती क्योंकि वह ये बात जानती थीं कि पूरा देश उन्हें देख रहा है। ताई जैसी शानदार फार्म में चल रही खिलाड़ी के सामने आपके पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं रह जाता। पहले गेम में कुछ लंबी रैलियां देखने को मिलीं, जिसके बाद सिंधू थोड़ी धीमी हो गईं।
आपको ये भी पता होना चाहिए कि 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता ही बिंग जियाओ के खिलाफ कांस्य पदक मैच खेलना भी आसान नहीं रहने वाला है। मैं ये देखकर हैरान हूं कि चीनी दल ने इन खेलों के लिए कितनी शानदार तैयारी की। उनके कई ऐसे खिलाड़ी जो पिछले साल बहुत अधिक सुर्खियों में नहीं रहे लेकिन उन्होंने टोक्यो में शानदार खेल दिखाया है। उदाहरण के लिए चेन लोंग को देखिए। मिक्स्ड डबल्स फाइनल में चीन की दो जोडि़यां थीं।
महिला डबल्स और पुरुष डबल्स फाइनल में भी चीनी जोड़ी नजर आई और महिलाओं के सिंगल्स सेमीफाइनल में तो दोनों ही खिलाड़ी चीन की थीं। उम्मीद है कि सिंधू शनिवार को मिली हार से उबरते हुए कोर्ट पर तरोताजा होकर वापसी करेंगी और अपने पदकों के खजाने में दूसरा ओलिंपिक पदक जोड़ सकेंगी। कोविड-19 के चलते प्रतिस्पर्धी खेल का अभाव भी अहम साबित हुआ। बिना दर्शकों के खेलने का अनुभव भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होता। जब सिंधू वापस लौटेंगी तो उन्हें ऐसे खिलाड़ियों को तलाशकर उनके साथ ट्रेनिंग करनी होगी जिनके रिफलेक्सेस ताई यु यिंग जैसे हों।