भारत को गरीब बताने वाले हैमिल्टन अपनी बात से पलटे

मेरा संदर्भ यह था कि जहां बेघर लोग रहते हैं वहां इतने बड़ी जगह में ग्रांप्रि ट्रैक बनाया गया जो मुझे अजीब लगा जबकि यहां पैसे की कोई दिक्कत नहीं है।

By Lakshya SharmaEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 03:33 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 03:33 PM (IST)
भारत को गरीब बताने वाले हैमिल्टन अपनी बात से पलटे
भारत को गरीब बताने वाले हैमिल्टन अपनी बात से पलटे

लंदन, प्रेट्र : पांच बार के विश्व चैंपियन मर्सिडीज के ड्राइवर लुइस हैमिल्टन भारत को गरीब देश बताकर विवादों में फंस गए। उन्होंने भारत की तुलना एक गरीब देश से की जो फॉर्मूला-1 जैसी महंगी रेस को आयोजित करने का दावेदार नहीं हो सकता। हालांकि उन्होंने अपने विवादित बयान का बचाव भी जल्द ही कर लिया। 

अपने बयान की सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद हैमिल्टन ने इसका बचाव ट्विटर पर किया। उन्होंने लिखा, 'मैंने ध्यान दिया है कि मेरे भारत वाले बयान पर कुछ लोग नाराज है। मैं सबसे पहले यह बता देना चाहता हूं कि भारत विश्व में सबसे खूबसूरत देश है। वहां की संस्कृति अविश्वसनीय है। मैं जब भी भारत गया तो वहां अच्छा समय बिताया। बहुत सारी गरीबी के बीच यहां सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

मेरा संदर्भ यह था कि जहां बेघर लोग रहते हैं वहां इतने बड़ी जगह में ग्रांप्रि ट्रैक बनाया गया जो मुझे अजीब लगा जबकि यहां पैसे की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने उस ट्रैक पर करोड़ों खर्च किए जो अब इस्तेमाल में नहीं लिया जा रहा है।

यहां घर और स्कूलों की जरूरत है। मैं रेस के दौरान कई भारतीय प्रशंसकों से भी मिला था।' मालूम हो कि ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में तीन फॉर्मूला वन रेस हुई रेस हुई। यहां रेड बुल के ड्राइवर सेबेस्टियन वीटल ने 2011 से 2013 तक लगातार तीनों रेस जीतीं थी। इसके पहले सत्र में 90000 के करीब लोग रेस देखने पहुंचे थे। टैक्स विवाद और जेपी समूह की वित्तीय परेशानियों के कारण 2013 के बाद से यहां कोई फॉर्मूला-1 रेस नहीं हुई है।

क्या कहा था हैल्मिटन ने 

हैमिल्टन ने फॉर्मूला-1 को भारत, कोरिया और तुर्की जैसे देशों में लाने की रणनीति पर सवाल उठाया जहां यह खेल लंबे समय तक टिक नहीं सके। उन्होंने कहा, 'हमारे पास इंग्लैंड, जर्मनी, इटली और अमेरिका में बहुत बड़ा रेसिंग इतिहास है। यह आगे बढ़ रहे हैं लेकिन एक साल में एक रेस वहां करा सकते हैं। मैं इससे पहले वियतनाम गया था जो बहुत खूबसूरत देश है।

इससे पहले मैं भारत में भी रेस के सिलसिले में गया। मुझे बड़ा अजीब लगा कि भारत जैसे गरीब देश में फॉर्मूला-1 जैसी रेस के लिए इतना अच्छा ट्रैक बनाया गया। भारत को ज्यादा से ज्यादा स्कूल और घर बनाने चाहिए और तब इस रेस का आयोजन करने बारे में सोचना चाहिए। बहुत ज्यादा धन फॉर्मूला वन रेस पर खर्च करने से अच्छा है कि इसका इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा स्कूल और घर बनाने में करना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'तुर्की में भी फॉर्मूला वन ट्रैक है और मुश्किल से ही कोई वहां जाता होगा। अच्छा ट्रैक है लेकिन दर्शक नदारद रहते हैं।' 

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