जापान के प्रतिबंध का ओलंपिक के लिए जाने वाले खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ेगा : नरेंद्र बत्रा
भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने साफ कर दिया है कि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके भारतीय खिलाडि़यों पर यात्रा प्रतिबंध का कोई असर नहीं पड़ेगा। जापान ने एथलीट पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। अभी कोई एथलीट वहां नहीं जा रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण जापान ने भारतीयों के उनके देश की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जुलाई में टोक्यो में ही ओलंपिक होना है। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने साफ कर दिया है कि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके भारतीय खिलाडि़यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। अभिषेक त्रिपाठी ने ओलंपिक को लेकर नरेंद्र बत्रा से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
- जापान ने भारतीयों के उनके देश की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसको लेकर क्या प्रबंध हैं?
--जापान ने एथलीट पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। अभी कोई एथलीट वहां नहीं जा रहा है। ओलंपिक के आयोजकों ने कहा है कि आप एक सप्ताह पहले खेल गांव में आएं और खेलें। उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आयोजक और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) किसी देश के खिलाडि़यों को रोक नहीं सकते और उस पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं लगा सकते। खिलाड़ी और उनके साथ जाने वाले जिन अधिकारियों का एक्रीडेशन कार्ड बनेगा और वे सभी जाएंगे।
-क्या कोरोना के कारण भारतीय खिलाडि़यों की तैयारियों पर कोई असर पड़ा है?
--जो खिलाड़ी जापान जाने वाले हैं उनको पूरा समर्थन मिल रहा है। मुझे नहीं लगता कि किसी की भी ट्रेनिंग प्रभावित हुई है। पिछले साल मार्च या अप्रैल का पीरियड हो सकता है जहां खिलाडि़यों को परेशानी रही हो। उसके बाद धीर-धीरे चीजें ठीक होने लगीं। जो भारत में ट्रेनिंग करना चाहते थे वे भारत में कर रहे थे और जिन्हें विदेश में ट्रेनिंग करनी थी, उन्हें वहां जाने दिया। कुछ टूर्नामेंट खेलने जा रहे थे। आज भी सभी अपनी ट्रेनिंग कर रहे हैं और किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
-भारत और विदेश में कुछ क्वालीफाइंग टूर्नामेंट रद हुए थे तो क्या उसका कोई प्रभाव पड़ेगा?
-प्रभाव तो हर किसी पर पड़ेगा। अगर भारत में 20 देश खेलने आने वाले थे और टूर्नामेंट रद हो गया तो इसका असर तो उन 20 देशों पर भी पड़ेगा। यह हालात हर किसी के लिए एक जैसे हैं, इसमें भारत ही नहीं है। भारत को अभ्यास करने का मौका मिल गया और दूसरों को नहीं मिला तो यह कहना गलत होगा। अगर आप क्वालीफाई करके नहीं आ पाओगे तो रैंकिंग के जरिये क्वालीफाई करोगे। जापान में कुल 10800 एथलीट तो जाएंगे ही और यह आइओसी फैसला नहीं करता। यह फैसला सभी अंतरराष्ट्रीय महासंघ करते हैं। जो सूची अंतरराष्ट्रीय महासंघ तय करते हैं और राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) द्वारा आइओए को आती है उसे हम आइओसी को भेजते हैं। उनका एक्रीडेशन कार्ड बनता है। अभी मीडिया में एक भारतीय जिमनास्ट के ओलंपिक क्वालीफाई करने की खबर आई, लेकिन अंतराष्ट्रीय जिम्नास्टिक्स महासंघ ने उनका नाम लिस्ट में नहीं भेजा है। जब तक वहां से क्लीयर नहीं होता तब तक हम उनके एक्रीडेशन के लिए आवेदन नहीं कर सकते। क्वालीफिकेशन में आइओसी की भूमिका नहीं होती।
-हमेशा आपस में तकरार करने वाले आइओए और खेल मंत्रालय के बीच पिछले कुछ साल में अच्छा तालमेल देखा गया है, उसके पीछे क्या वजह मानते हैं?
--खेल, एथलीट और सभी के लिए अच्छा है कि समन्वय हुआ है। मीडिया के लिए ये खराब हो सकता है कि उन्हें चटपटी खबरें नहीं मिल रहीं।
-भारत के खाते में कितने ओलंपिक पदक आएंगे?
--मैं अभी कह रहा हूं कि टोक्यो ओलंपिक में भारत दोहरे नंबर में पदक जीतेगा। ये 10 और इससे ज्यादा हो सकते हैं। हम यह चर्चा करते हैं कि कौन-कौन एथलीट जीत सकता है, लेकिन मीडिया को नहीं बता सकते।