फार्मुला ई को बढ़ावा देने के लिए भारत में बुनियादी ढ़ांचे की सख्त जरूरत- दिलबाग गिल

गिल ने कहा कि जहां तक मेरा अनुभव है मुझे लगता है कि भारत में हमारे पास अभी भी पर्याप्त जमीनी स्तर पर मोटरस्पोर्ट नहीं है। वैसे हमारे पास कुछ अच्छे ट्रैक आ रहे हैं और बहुत सारी प्रतिभाएं हैं जो मोटरस्पोर्ट्स में रुचि रखती है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 02:32 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 02:32 PM (IST)
फार्मुला ई को बढ़ावा देने के लिए भारत में बुनियादी ढ़ांचे की सख्त जरूरत- दिलबाग गिल
फार्मुला ई को भारत में लाने की तैयारी (फोटो- दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। फार्मुला ई ने अब 'फार्मुला ई अनप्लग्ड' लांच किया है जो 15 एपिसोड की एक सीरीज है। इस सीरीज में पिछले सीजन के बेहद अहम क्षणों को शामिल किया गया है साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले महिला और पुरुष ड्राइवर्स की कहानियों को भी ईमानदार तरीके से पेश किया गया है। टीम महिंद्रा रेसिंग भी इन एपिसोड का हिस्सा हैं और इसके सीईओ और टीम प्रिंसिपल दिलबाग गिल ने इसे लेकर दैनिक जागरण से काफी सारी बातें की साथ ही साथ इस खेल को भारत ने किस तरह से प्रमोट किया जाएगा इस पर भी चर्चा की। 

-इस खेल को बढ़ावा देने के लिए आप भारत में किस तरह का बुनियादी ढांचा विकसित कर रहे हैं?

- इस समय हम भारत ने इस खेल के टेलीविजन प्रसारण को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब हम कोविड के साथ हैं ऐसे में कैलेंडर आदि में बदलाव हो रहे हैं और इस हालात में एक नियमित चैनल पर आना मुश्किल है। अगर हमने एक बार शुरुआत कर ली तो फिर आगे चीजें काफी आसान हो जाएंगी। बस मुझे लगता है कि चैनल प्रबंधन करने की जरूरत है। हम इस कोशिश में लगे हैं कि क्या हम भारत में रेस को ला सकते हैं और ये एक साधारण पहल नहीं है। मुझे लगता है कि ये बेहद उत्साहवर्धक है और टाटा ने जगुआर टीम के साथ फार्मुला में अपना निवेश बढ़ाया है। टीसीएस भी सामने आई है और देखें की क्या हम कोशिश कर सकते हैं कि भारत में रेस को ला सकें और ये वो जगह होगी जहां हमें दर्शक मिल सकते हैं। 

-क्या हम भविष्य के लिए भारतीय चालक विकसित कर रहे हैं, और क्या आप कुछ प्रतिभाओं के नाम बता सकते हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए?

इस सवाल का जवाब देते हुए दिलबाग गिल ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो अभी महिंद्रा ने भारतीय ड्राइवरों में निवेश नहीं किया है और इस समय हम सिर्फ रेसिंग पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम आगे चलकर प्रतिभाओं की तलाश करने की पूरी कोशिश करेंगे और पहले भी करुण जैसी भारतीय प्रतिभा सामने आई है ऐसे में मुझे लगता है कि और भी टैलेंड सामने आएंगी। 

-इस खेल में आगे बढ़ने के लिए भारतीय ड्राइवर्स को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और उन्हें आगे बढ़ने में कौन सी बाधा सबसे ज्यादा परेशान करती है। 

गिल ने कहा कि जहां तक मेरा अनुभव है मुझे लगता है कि भारत में हमारे पास अभी भी पर्याप्त जमीनी स्तर पर मोटरस्पोर्ट नहीं है। वैसे हमारे पास कुछ अच्छे ट्रैक आ रहे हैं और बहुत सारी प्रतिभाएं हैं जो मोटरस्पोर्ट्स में रुचि रखती है। ड्राइवर के दृष्टिकोण से बात करने के लिए मुझे ये काफी दिलचस्प लग रहा है। हालांकि कई युवा इस खेल के साथ नहीं जुड़ना चाहते हैं, लेकिन कई ऐसे हैं जिन्हें इसमें दिलचस्पी है। हमें इसके लिए काफी मेहनत के साथ जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है साथ ही युवाओं को प्रेरित करने की भी जरूरत है जो इस खेल के साथ जुड़ना चाहते हैं। 

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