26 जून से होगी एशियन रैपिड ऑनलाइन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता की शुरुआत
एशियन रैपिड एक 16-खिलाड़ियों की ऑनलाइन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता है जिसकी शुरुआत 26 जून से होगी और यह प्रतियोगिता नौ दिनों तक चलेगी। विश्व चैंपियन और वर्तमान टूर लीडर मैग्नस कार्लसन और शीर्ष एशियाई प्रतिभाएँ अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। एशियन रैपिड की ऑनलाइन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता में ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती और अधिबान भास्करन के साथ-साथ भारत के दो सबसे प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी गुकेश डी. और अर्जुन एरिगैसी, इन सभी ने क्वालीफाई किया है या उन्हें वाइल्ड कार्ड एंट्री दी गई है। प्रतियोगिता में भारत के चार खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाना गर्व की बात है क्योंकि अब तक इस टूर पर किसी भी अन्य देश के इतने खिलाड़ियों को आमंत्रित नहीं किया गया है।
गोल्डमनी एशियन रैपिड एक 16-खिलाड़ियों की ऑनलाइन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता है जिसकी शुरुआत 26 जून से होगी और यह प्रतियोगिता नौ दिनों तक चलेगी। विश्व चैंपियन और वर्तमान टूर लीडर मैग्नस कार्लसन और शीर्ष एशियाई प्रतिभाएँ अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। लेकिन सभी की निगाहें चेन्नई के 15 साल के गुकेश डी. पर होंगी, जिन्होंने हाल ही में गेलफैंड चैलेंज टूर्नामेंट जीतने के बाद क्वालीफाई किया था।
वे पहली बार मेल्टवाटर चैंपियंस शतरंज टूर के रैपिड शतरंज फॉर्मेट में कार्लसन से मुकाबला करेंगे। नासिक में जन्मे विदित गुजराती, भारत के नंबर 3 खिलाड़ी हैं और भारतीय शतरंज पसंद करने वालों के बीच इनकी काफी अच्छी फैन फॉलोइंग है। सत्रह साल के एरिगैसी भी टॉप लेवल पर कामयाबी हासिल करने की उम्मीद कर रहे होंगे और भास्करन अपनी आक्रामक शैली का प्रदर्शन करना चाहेंगे जिसके कारण उन्हें "द बीस्ट" का उपनाम दिया गया है।
इसके अलावा दुनिया की नंबर 1 महिला खिलाड़ी, चीन की होउ यिफान टूर में हिस्सा लेने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन जाएंगी और सालेह सलेम यू.ए.ई. के पहले खिलाड़ी बन जाएंगे।
टूर्नामेंट की थीम ‘शतरंज के सुनहरे पल’ होगी। गोल्डमनी के सीईओ रॉय सेबबाग ने बताया कि “शतरंज बहुत ही शानदार खेल है जो इंसान में पाई जाने वाली स्किल्स, इच्छा और अक्लमंदी को व्यक्त करता है। यह खेल सैंकड़ों साल से खेला जाता रहा है और अपनी अमिट विरासत और परंपरा को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
“हम इस टूर के साथ साझेदारी करके काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं क्योंकि इसके ज़रिए हम शतरंज की इस महान परंपरा को आगे बढ़ाने का समर्थन भी कर रहे हैं ”