एथलेटिक्स डायरी : फाउल रोकने के लिए कर रही हूं काम : हिमा

हिमा दास का कहना है कि जकार्ता एशियन गेम्स में 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में फाउल होने के बाद वह इस पर काम कर रही है

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 08:24 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 10:46 AM (IST)
एथलेटिक्स डायरी : फाउल रोकने के लिए कर रही हूं काम : हिमा
एथलेटिक्स डायरी : फाउल रोकने के लिए कर रही हूं काम : हिमा

नई दिल्ली।  भारतीय धाविका हिमा दास का कहना है कि जकार्ता एशियन गेम्स में 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में फाउल होने के बाद वह इस पर काम कर रही है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह खेल का हिस्सा है। हिमा रेस शुरू करने का संकेत देने वाली गन की आवाज से पहले ही दौड़ पड़ी थीं और इसे फाउल में गिना जाता है जिसके बाद धावक या धाविका रेस से बाहर हो जाते हैं।

हिमा को मंगलवार को यहां एडिडास कंपनी का ब्रांड दूत बनाया गया। उन्होंने कहा, 'जब मुझसे फाउल हो गया था तो मैं बहुत दुखी थी। मुझे लगा कि मैंने बेहतरीन मौका गंवा दिया क्योंकि रेस में कुछ भी हो सकता था। टीम की अन्य साथियों ने मेरा हौसला बढ़ाया और कहा कि यह रेस में होता रहता है और निराश मत हो और आगे की रेस पर ध्यान लगाओ। जब हमने स्वर्ण पदक जीता था तो मुझे कुछ राहत मिली थी।' हिमा ने जकार्ता एशियन गेम्स में तीन पदक जीते थे। उन्होंने चार गुणा 400 मीटर में स्वर्ण, चार गुणा 400 मीटर मिक्स्ड स्पर्धा में रजत और 400 मीटर में भी रजत पदक जीता था।

असम की हिमा का नाम इस साल मिलने वाले अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इसको लेकर उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद नहीं थी कि इस साल मेरा नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा। मुझे लगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी और अच्छा प्रदर्शन करना होगा और शायद अगले वर्ष मेरा नाम जाए। लेकिन मेरा नाम जाने से मैं खुश हूं।'

दुती की जीवनी अगले साल जारी होगी

नई दिल्ली : भारत की स्टार धावक दुती चंद मैदान के बाहर और अंदर के अपने अनुभवों को किताब के जरिए साझा करेंगी जिससे प्रशंसक उनकी अब तक की यात्रा के बारे में जान सकेंगे। इस किताब में दुती केगरीबी से निकलकर देश के सबसे सफल धावकों में एक बनने की कहानी होगी। इस किताब में हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के कारण दुती को हुई परेशानियों और उससे निकलने की भी कहानी होगी।

अरपिंदर की निगाह टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने पर

मुंबई : ट्रिपल जंपर और जकार्ता एशियन गेम्स के स्वर्ण पदकधारी अरपिंदर सिंह की निगाह 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में पदक जीतने पर लगी है। हाल ही में वह आइएएएफ कांटिनेंटल कप पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। हालांकि टोक्यो ओलंपिक से पहले उनके पास अगले साल कतर के शहर दोहा में होने वाली एशियन और विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीतने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह साल मेरे लिए अच्छा रहा लेकिन अगले साल होने वाले टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करने की मुझे उम्मीद है। मेरा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का है। एशियन गेम्स की तुलना में टोक्यो ओलंपिक बड़ा टूर्नामेंट होता है। यदि हम अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं तो पदक भी आ जाएगा।'

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