रेपेचेज से भारत को अब तक मिले 3 ओलिंपिक मेडल जागी चौथे की उम्मीद, क्या आपको पता है इसका नियम
Anshu malik play for Bronze रेपचेज शब्द दरअसल फ्रांसीसी शब्द रेपेचर आया है इसका मतलब होता बचाव करना है। इंटरनेशनल रेसलिंग यानि कुश्ती में रेपचेज राउंड किसी भी खिलाड़ी के लिए हार को भुलाकर वापसी करने का मौका होता है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक में भारतीय दल का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में काफी बेहतर रहा है। इसमें खासकर पहलवानों ने काफी अच्छा खेल दिखाया है। कुश्ती में भारतीय महिला और पुरष दोनों ही खिलाड़ियों ने काफी अच्छा योगदान दिया है। पिछले तीन ओलिंपिक खेलों में भारतीय पहलवानों ने कुल चार मेडल हासिल किए हैं। इस बार भी भारतीय पहलवानों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन कर एक मेडल पक्का किया और एक मेडल की उम्मीद जागी है।
टोक्यो ओलिंपिक में रवि दहिया ने 57 किलो भारवर्ग के फाइनल में जगह पक्की कर ली है जिसका मतलब कि वह अब गोल्ड के लिए खेलेंगे। वहीं महिला पहलवान अंशु मलिक इसी भार वर्ग में अब कांस्य पदक के लिए खेलने उतरेंगी। प्री-क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद उनको रेपेचेज में उतरने का मौका मिल रहा है। जिस पहलवान से उनको हार मिली थी वह फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुई जिसकी वजह से अंशु के पदक की उम्मीद फिर से जिंदा हो गई।
क्या होती है रेपचेज और कैसा है नियम ?
रेपचेज शब्द दरअसल फ्रांसीसी शब्द रेपेचर आया है इसका मतलब बचाव करना होता है। इंटरनेशनल रेसलिंग यानि कुश्ती में रेपचेज राउंड किसी भी खिलाड़ी के लिए हार को भुलाकर वापसी करने का मौका होता है। जो भी पहलवान अपने शुरुआती मुकाबले में हारकर बाहर हो जाते हैं उनके पास मेडल जीतने का मौका होता है। अगर उनको हराने वाला पहलवान फाइनल में पहुंच जाए तो फिर कांस्य पदक जीतने के लिए शुरुआती राउंड में हारे खिलाड़ियों को मौका मिलता है।
अंशु को प्री क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया की इरियाना कुराचकिना से हार मिली थी। कुराचकिना ने शानदार खेल दिखाते हुए टोक्यो ओलिंपिक के फाइनल में जगह पक्की कर ली। अब भारतीय पहलवान को रेपेचेज में उन सभी खिलाड़ियों से खेलना हो जिनको इरियाना ने हराया। अगर अंशु सभी खिलाड़ियों के मात देने में कामयाब हुई तो कांस्य पदक भारत के नाम हो जाएगा।
रेपेचेज में भारत को मिले अब तक तीन ओलिंपिक कांस्य
साल 2008 में जब सुशील कुमार ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता को उनको रेपेचेज राउंड में ही खेलने का मौका मिला था। इसके बाद साल 2012 के लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी इसी तरह भारत के लिए मेडल हासिल किया था। वहीं पिछली बार यानि 2016 के रियो ओलंपिक में रेपेचेज के जरिए ही साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीता