लाइसेंसी पिस्टल लेकर NIS पहुंचा था एक मुक्केबाज, अधिकारी रह गए सन्न

मुक्केबाजी दल में शामिल एक मुक्केबाज एनआइएस परिसर में अपनी लाइसेंसी पिस्टल लेकर गया था जिसकी जानकारी मिलते ही अधिकारियों के होश उड़ गए क्योंकि यहां हथियार लाना गैरकानूनी है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 07:46 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 07:46 AM (IST)
लाइसेंसी पिस्टल लेकर NIS पहुंचा था एक मुक्केबाज, अधिकारी रह गए सन्न
लाइसेंसी पिस्टल लेकर NIS पहुंचा था एक मुक्केबाज, अधिकारी रह गए सन्न

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। कोरोना काल के आराम के बाद पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआइएस) में लगाया भारतीय मुक्केबाजी टीम का शिविर विवादों से भर गया है। पहले शिविर में शामिल कुछ मुक्केबाजों पर जरूरी क्वारंटाइन नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगा तो अब खबर आई है कि उस दल में शामिल एक मुक्केबाज एनआइएस परिसर में अपनी लाइसेंसी पिस्टल लेकर गया था।

दैनिक जागरण को मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक स्कीम (टॉप्स) के तहत आने वाले एक एलीट मुक्केबाज को अभ्यास कराने के लिए एक और मुक्केबाज वहां गया हुआ था। उसके पास लाइसेंसी पिस्टल थी जिसकी जानकारी मिलने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के अधिकारी सन्न रह गए। परिसर में हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है।

भारतीय मुक्केबाजी संघ के सचिव जय कवली ने कहा कि यह शिविर साई ने लगाया है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद से फिलहाल हमारे संघ की मान्यता नहीं है। इस घटनाक्रम की जानकारी हमें नहीं है लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो गलत है। वहीं, टोक्यो ओलंपिक की तैयारी कर रहे मुक्केबाज ने माना कि उनको अभ्यास कराने के लिए जो सहयोगी वह लेकर गए थे उसके पास पिस्टल थी। हालांकि वह पिस्टल गाड़ी में ही रखी रही थी।

डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव

मुक्केबाजी दल के डॉक्टर को सोमवार को कोरोना वायरस जांच में पॉजिटिव पाया गया, जबकि अभ्यास के लिए एकत्र हुए सभी मुक्केबाज निगेटिव पाए गए हैं। एशियाई खेलों के चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल समेत 11 मुक्केबाजों को आराम दिया गया है क्योंकि ये सभी इसी डॉक्टर के साथ क्वारंटाइन केंद्र पर थे। साई की तरफ से कहा गया है कि डॉक्टर अमोल पाटिल पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान के मुख्य परिसर के बाद क्वारंटाइन केंद्र में थे।

प्रोटोकॉल के तहत मुख्य परिसर में आने से पहले उनकी कोरोना जांच हुई और वह पॉजिटिव पाए गए। उन्हें सरकारी कोविड केंद्र भेज दिया गया है। उनके संपर्क में आने वालों की जांच मंगलवार को होगी। उनके साथ क्वारंटाइन केंद्र में रहने वालों को एक सप्ताह और अलग रहना होगा। मुक्केबाजों के टेस्ट निगेटिव आए हैं, लेकिन उनकी मंगलवार को फिर जांच होगी। पाटिल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों से भारतीय टीम के साथ हैं।

मुक्केबाजों को अगस्त में अभ्यास शुरू करना था। यहां शिविर साई की देखरेख में होना था क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने जिन 59 राष्ट्रीय महासंघों की मान्यता पर रोक लगा दी है, उनमें मुक्केबाजी महासंघ भी शामिल है। टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत के नौ मुक्केबाज क्वालीफाई कर चुके हैं जिनमें से मेरी कॉम घर में ही अभ्यास करेंगी क्योंकि शिविर में भाग लेना वैकल्पिक था।

एनआइएस के कार्यकारी निदेशक तलब, तीन मुक्केबाज शिविर से निष्कासित

कोरोना के साये में मजदूरों द्वारा बाहर से सामग्री लाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले में एनआइएस के कार्यकारी निदेशक कर्नल (रिटायर्ड) राज बिश्नोई को साई ने दिल्ली में तलब किया। इसके अलावा एनआइएस में शिविर में भाग ले रहे तीन मुक्केबाजों को भी निष्कासित कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों शिविर में बाहर से कुछ सामान पहुंचा। यह सामान बाहरी मजदूरों द्वारा लाया गया। यह गतिविधि जब कुछ दिन जारी रही तो शिविर में भाग ले रहे कुछ मुक्केबाजों ने कोरोना वायरस फैलने की आशंका जताई थी।

निष्कासित होने वाले मुक्केबाजों में विकास कृष्णन, सतीश कुमार व प्रोफेशनल बॉक्सर नीरज गोयत शामिल हैं। इन खिलाडि़यों ने शनिवार को शिविर भी छोड़ दिया था। इनका कोरोना टेस्ट भी करवाया गया था। एनआइएस पटियाला का कहना है कि क्वारंटाइन पीरियड के दौरान ये सभी खिलाड़ी बाकी बॉक्सर से मिलते पाए गए। बिश्नोई की जगह साई केंद्र सोनीपत की प्रभारी ललिता शर्मा को जांच पूरी होने तक एनआइएस का कार्यभार सौंपा गया और उन्होंने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया।

chat bot
आपका साथी