काला बैच पहन कर पशु चिकित्सकों ने किया काम

शहर के वार्ड नंबर तीन स्थित पशु चिकित्सालय के डाक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में गुरुवार को काला बैच पहनकर काम किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 09:54 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 09:54 PM (IST)
काला बैच पहन कर पशु चिकित्सकों ने किया काम
काला बैच पहन कर पशु चिकित्सकों ने किया काम

संसू, राजगांगपुर: शहर के वार्ड नंबर तीन स्थित पशु चिकित्सालय के डाक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में गुरुवार को काला बैच पहनकर काम किया। एक मई से पशु चिकित्सालय के डॉक्टर सिर्फ पशुओं के इलाज हेतु आने वाले लोगों को दवा लिख रहे हैं। शेष काम पूरी तरह से ठप कर दिया है। इनके द्वारा 25 अप्रैल से डिजिटल सेवा का बहिष्कार किया गया है। जबकि 15 मई से सामूहिक छुट्टी पर चले जाएंगे। वहीं, 25 मई को सामूहिक इस्तीफा देने का भी एलान किया गया है। इनकी मांग है कि अन्य विभाग के डाक्टरों की तरह इन्हें भी सम्मान, पदोन्नति सह वेतन में समयानुसार बढ़ोतरी मिलनी चाहिए। विगत 15 सालों से अन्य डाक्टरों की तरह प्रथम श्रेणी की मान्यता की मांग कर रहे है। पशु डॉक्टर भी एलोपैथिक चिकित्सा दे रहे हैं। विगत वर्ष कोरोना महामारी के दौरान इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना पशुओं की सेवा घर-घर जा कर की थी। लेकिन उन्हें कोरोना वॉरियर्स का सम्मान नहीं दिया गया। कोरोना की दूसरी लहर में भी इनका काम जारी है। डा. शिल्पी प्रिया एवं सुनीता बारा ने बताया कि पहले हम सभी कोई भी मौसम हो या त्योहार हो या फिर छुट्टी हो। हमारा सदैव प्रयास रहा है कि पशु चिकित्सालय में आने वाले पशुओं का इलाज ठीक तरह से हो और इस दौरान ड्यूटी अवधि समाप्त होने के बाद भी घर-घर जाकर अपनी सेवाएं पहुंचाईं है। सरकार की उदासीनता से हमारा मनोबल टूट गया है। विगत 15 सालों से अपनी जायज मांगों का समाधान करने के लिए ओडिशा सरकार से अनुरोध किया गया है। लेकिन अभी तक कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किए जाने से हम सभी आंदोलन करने को विवश हो गए हैं।

डा. दुर्गा प्रसाद दास, पशु चिकित्सक

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