राज्य के छह प्रदूषित शहरों में राउरकेला भी

देश के सबसे अधिक प्रदूषित 102 शहरों में ओडिशा के छह शहर भी शामिल हैं। इनमें राउरकेला भुवनेश्वर कटक बालेश्वर अनुगुल व तालचेर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 09:42 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 09:42 PM (IST)
राज्य के छह प्रदूषित शहरों में राउरकेला भी
राज्य के छह प्रदूषित शहरों में राउरकेला भी

जासं, राउरकेला : देश के सबसे अधिक प्रदूषित 102 शहरों में ओडिशा के छह शहर भी शामिल हैं। इनमें राउरकेला, भुवनेश्वर, कटक, बालेश्वर, अनुगुल व तालचेर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेतावनी के बावजूद इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। आंचलिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय की ओर से भी तत्परता नहीं दिखाई जा रही है। राउरकेला शहर व आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण मापक यंत्र तो लगे हैं, लेकिन इससे किसी तरह की सूचना उपलब्ध नहीं होती है।

राउरकेला के सेक्टर-5 स्थित आंचलिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय, फर्टिलाइजर के आइडीएल चौकी की छत पर, राजगांगपुर, कुआरमुंडा, कलुंगा, बणई शिल्पांचल में प्रदूषण का मानक मापने को एक-एक प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए थे। इनके संचालन के लिए एक-एक कर्मचारी भी नियोजित है। सप्ताह में दो बार एवं साल में 108 बार मशीन को चलाना चाहिए पर नहीं हो रहा है। कागज कलम में मशीन ठीक चलने की रिपोर्ट है। 50 लाख रुपये से अधिक रुपये खर्च कर प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं पर इसका कोई उपयोग नहीं है। दो स्वयं चालित मशीन में से एक पानपोष बाइपास रोड में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नए कार्यालय और दूसरी टेनसा में स्थापित है। दोनों में से एक भी चालू नहीं है। शिल्पांचल में प्रदूषण मापने के लिए कलुंगा, कुआरमुंडा में लगे यंत्र से रिपोर्ट नहीं मिल रही है। कलुंगा शिल्पांचल क्षेत्र के स्पंज संयंत्र धुआं उगल रहे हैं। इससे प्रदूषण बढ़ रहा है पर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। कल कारखानों से जहरीला धुआं निकल रहा है पर इसके लिए जिम्मेदार संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से केवल नोटिस जारी कर औपचारिकता पूरी की जा रही है। प्रदूषण फैला रहे संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से राउरकेला में भी दिल्ली जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रदूषण बढ़ने संबंधित जवाब केंद्रीय बोर्ड से मांगा गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंचलिक अधिकारी पी. महापात्र से संपर्क नहीं हो पाने के कारण बोर्ड का रुख पता नहीं चल रहा है।

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