भूमिहीनों को मिला पट्टा, 35 साल बाद भी नहीं मिली जमीन

राज्य सरकार की ओर से गरीब भूमिहीनों को जमीन देने के लिए पट्टा दिया गया पर 35 साल बीत जाने के बाद भी न तो जमीन की पहचान हो पाई और ना ही उन्हें जमीन मिल पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:54 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:54 PM (IST)
भूमिहीनों को मिला पट्टा, 35 साल बाद भी नहीं मिली जमीन
भूमिहीनों को मिला पट्टा, 35 साल बाद भी नहीं मिली जमीन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार की ओर से गरीब भूमिहीनों को जमीन देने के लिए पट्टा दिया गया पर 35 साल बीत जाने के बाद भी न तो जमीन की पहचान हो पाई और ना ही उन्हें जमीन मिल पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से भी उन्हें वंचित होना पड़ रहा है। जमीन के लिए विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद कोई हल नहीं निकल पा रहा है।

गर्जन गांव के 40 भूमिहीन परिवार वालों को 1985 में सरकार की ओर से चार-चार डिसमिल जमीन प्रदान की गई है। उन्हें इसके लिए पट्टा भी दिया गया पर जमीन की पहचान नहीं की गई। जमीन के लिए लोग जिलापाल से लेकर तहसीलदार कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने राजगांगपुर के विधायक तथा लाठीकटा तहसीलदार को भी इसकी लिखित जानकारी दी है। तहसीलदार की ओर से मौखिक रूप से उन्हें जमीन की पहचान शीघ्र कराने का भरोसा मिला है। राजस्व निरीक्षक भी इलाके में जाकर मुआयना कर चुके हैं पर कुछ प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप के चलते प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। जमीन पट्टा पाने वाले सात लोगों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि भी स्वीकृत हुई है पर जमीन नहीं होने के कारण वे आवास नहीं बना पा रहे हैं। आवास के लिए भूमिहीनों ने अनशन करने की चेतावनी दी है।

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