कोरोना योद्धाओं के बीच बांटा अल्पाहार
कोरोना काल में सप्ताहांत शटडाउन के दौरान रविवार को सुंदरगढ़ ट्रांसजेंडर एंड किन्नर एसोसिएशन की अध्यक्ष जोया त्रिपाठी न टीबीसी के साथ मिलकर अल्पाहार वितरण अभियान चलाया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना काल में सप्ताहांत शटडाउन के दौरान रविवार को सुंदरगढ़ ट्रांसजेंडर एंड किन्नर एसोसिएशन की अध्यक्ष जोया त्रिपाठी न टीबीसी के साथ मिलकर अल्पाहार वितरण अभियान चलाया। इस दौरान जोया ने शहर में विभिन्न चौक-चौराहों में ड्यूटी पर तैनात कोरोना वारियर्स पुलिस कर्मियों, होम गार्ड आदि को अल्पाहार प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया। जोया ने टीम के साथ बिसरा चौक, बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड, स्टेशन चौक, मधुसूदन चौक, अग्रसेन चौक, प्लांट साइट चौक, मंगल भवन चौक, उदितनगर चौक, एसटीआई चौक, पानपोष चौक समेत सेक्टर अंचल के कोरोना वारियर्स के बीच अल्पाहार का वितरण किया। इस मौके पर जोया ने कहा कि इस महामारी के दौरान धूप, बारिश व गर्मी में दिन रात काम करने वाले पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मियों को सम्मान के तहत उनकी सेवा के लिए एक छोटा सा कार्य हर रविवार को किया जा रहा है। जोकि उनके सम्मान में बहुत कम है पर यह सेवा कर हमें खुशी मिलती है। सवारी को लेकर आपस में भिड़े आटो चालक : राउरकेला स्टेशन में ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को आटो में बैठाने को लेकर अलग-अलग स्टैंड के चालकों के बीच भिड़ंत हो गई। इस दौरान बड़ी संख्या में दोनों तरफ के आटो चालकों का जमघट लगने के साथ एक-दूसरे स्टैंड के आटो चालकों पर सवारी बैठाने को लेकर जमकर बकझक हुई। स्टेशन के चालकों का कहना था कि ट्रेन से यात्री उतर कर बाहर आने के बाद पार्किंग के आटो चालक उन्हें गंतव्य तक ले जाएंगे। इन यात्रियों के सहारे ही उनके परिवार का गुजारा होता है। लेकिन गैर स्टैंड के आटो चालक रेलवे पार्किंग के पास आकर रेल यात्रियों को अपने आटो में ले जाने से उनका नुकसान होता है। इस संबंध में कई दफा बाहरी आटो चालकों को समझाने के बाद भी वे मनमानी करते हैं। इससे गुस्साए स्टेशन के आटो चालकों ने गुट बना कर बाहरी आटो वालों को स्टेशन में नही आने को कहा। इस पर दोनों गुट आपस में उलझ गए जिससे करीब आधा घंटे तक स्टेशन परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया। हालांकि बाद में दोनों पक्षों में समझौता हुआ की बाहरी आटो चालक स्टेशन परिसर में नही घुसेंगे और स्टेशन परिसर से बाहर निकलने के बाद ही वे सवारी ले जा सकते है। इसके बाद दोनों गुट शांत हुए।