ऋचा षाड़ंगी, मधुमाला और बिंदिया पाकशाला में निपुण

नगर स्थित डालमिया विद्या मंदिर में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया गया। सीबीएसई के दिशानिर्देशों के अनुसार इस अवधि के दौरान प्रार्थना सभा के समय प्राकृतिक पोषक तत्वों और स्वस्थ भोजन विटामिन और खनिज पदार्थों के महत्व पर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:16 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:16 AM (IST)
ऋचा षाड़ंगी, मधुमाला और बिंदिया पाकशाला में निपुण
ऋचा षाड़ंगी, मधुमाला और बिंदिया पाकशाला में निपुण

संसू, राजगांगपुर : नगर स्थित डालमिया विद्या मंदिर में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया गया। सीबीएसई के दिशानिर्देशों के अनुसार इस अवधि के दौरान प्रार्थना सभा के समय प्राकृतिक पोषक तत्वों और स्वस्थ भोजन, विटामिन और खनिज पदार्थों के महत्व पर चर्चा की गई। समापन दिवस के अवसर पर विद्यालय परिसर में अभिभावक माताओं के बीच पौष्टिक भोजन बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जो हमारे भरण-पोषण के लिए एक स्वस्थ आहार अनिवार्य है। इस विचार पर प्रकाश डालते हुए अभिभावक माताओं ने खाद्य मूल्यों विशेष रूप से अनाज, खाद्य पदार्थ, सब्जियां, फलियां आदि को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन को तैयार किया। जो उपस्थिति लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान बतौर अतिथि कार्यक्रम में मौजूद प्रीति जिरकुंटवार, बरनाली प्रसाद और डा. कीर्ति द्विवेदी ने प्रतियोगियों का उत्साहव‌र्द्धन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ एवं पौष्टिक आहार बच्चों के लिए बनाना एवं सभी के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना था। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली शीर्ष 8 विजेताओं को प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें ऋचा षाड़ंगी प्रथम, मधुमाला प्रसाद द्वितीय तथा बिदिया राजुका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चार मापदंड के अनुसार पांच सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए जो सामग्री, मौजूद पोषक तत्व, रचनात्मकता और प्रस्तुतीकरण के लिए थे। अन्य सभी को भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।

यह राष्ट्रीय पोषण माह विशेष रूप से तिलैमुंडा हेनजाटोली में पास के गांव के वंचित बच्चों को भोजन वितरित करने के लिए आयोजित किया गया था। डीवीएम शिक्षक टीम के साथ प्रिसिपल डा. राघवेंद्र कुमार द्विवेदी उक्त गांव में जाकर अभिभावक माताओं द्वारा तैयार किए गए सभी खाद्य पदार्थ का वितरण किया। स्कूल की ओर से भी पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई। गांव के बच्चे व उनकी माताएं पौष्टिक भोजन पाकर खुश नजर आए। प्राचार्य ने गांव की माताओं से आग्रह कर उन्हें अपने बच्चों को स्वस्थ क पौष्टिक युक्त भोजन बनाने के लिए कहा तथा उन्हें अच्छा ताजा भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया।

chat bot
आपका साथी