शहर की सबसे पुरानी कमेटी सादगी से कर रही मां दुर्गा की पूजा

शहर में दुर्गा पूजा की शुरुआत स्टेशन दुर्गा कमेटी की ओर से की गई थी। सन1932 में सेक्टर-5 स्थित गोरघर अंचल में रहने वाले कुछ बंगाली परिवार के सदस्यों ने पुराना स्टेशन में माता जगधात्री की पूजा की शुरुआत की थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 08:37 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:09 AM (IST)
शहर की सबसे पुरानी कमेटी सादगी से कर रही मां दुर्गा की पूजा
शहर की सबसे पुरानी कमेटी सादगी से कर रही मां दुर्गा की पूजा

जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर में दुर्गा पूजा की शुरुआत स्टेशन दुर्गा कमेटी की ओर से की गई थी। सन1932 में सेक्टर-5 स्थित गोरघर अंचल में रहने वाले कुछ बंगाली परिवार के सदस्यों ने पुराना स्टेशन में माता जगधात्री की पूजा की शुरुआत की थी। इसमें बड़ी संख्या में लोगों शामिल होने के साथ काफी प्रसिद्ध हुआ। जिसके बाद कमेटी बनायी गई। उक्त कमेटी द्वारा 1949 में शहर के और कई बंगाली परिवार के सदस्य जुड़ कर माता दुर्गा की पूजा समारोह के साथ धूमधाम से शुरू किया। धीरे-धीरे लोग कमेटी से जुड़ते गए और आज शहर की सबसे पुरानी और नामी दु्र्गा पुजा कमेटी के रुप में स्टेशन दुर्गा पूजा कमेटी जानी पहचानी जाती है। हर साल यहां आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा में शहर तथा आसपास के अचलों के खासकर बंगाली परिवार के लोग पूरे परिवार के साथ इस पूजा में शामिल होते है। यहां की पूजा में कोलकाता की झलक दिखती है। लेकिन इस साल कोविड़-19 के कारण कमेटी द्वारा सादगी के साथ माता दुर्गा की पूजा शुरु की गई। इस साल पंडाल के नाम पर केवल एक बड़ा तिरपाल बांधा गया है तथा पूरे विधि विधान के साथ ही मां की पूजा की जा रही है। 2019 तक इस पंड़ाल में पश्चिम बंगाल की तर्ज पर माता की विशाल प्रतिमा स्थापित होती रही है। लेकिन इस साल प्रशासन के नियम के अनुसार तीन से चार फीट की प्रतिमा बनाई गयी है। इसके अलावा नियम के तहत ढ़ाक बाजा, झूला प्रतियोगिता, सिदुर खेला और अन्य कार्यक्रम नही किया जा रहा है।

यहां की मृर्ति और पूजा की विशेषता : स्टेशन दुर्गा पूजा कमेटी में हर साल विशाल और आकर्षक पूजा पंडाल का निर्माण किया जाता है। साथ ही बंगाल की तरह विधि-विधान से पुजारियों द्वारा माता की पूजा-अर्चना की जाती है। विगत साल तक कोलकाता से ढाक-बाजा कमेटी द्वारा बुलाया जाता था। इस साल नही बुलाया जा रहा है। इतना ही नही हर साल की तरह कमेटी की ओर से आयोजन होने वाली विभिन्न प्रतियोगिता नही करने का निर्णय लिया गया है। विसर्जन के दिन सिदूर खेला का आयोजन नही किया जाएगा। भक्तों के लिए पंडाल में आना मना है। पंडाल में नियम के अनुसार 6 से 7 लोग ही रहेंगें। इस कारण पंडाल का मुख्य गेट को बंद रखा गया है।

इस साल स्टेशन दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से अष्टमी और नवमी को भक्तो के लिए पंडाल में आना मनाही है। साथ ही माता के पुष्पांजली के दौरान होने वाली भीड़ भी नही होगी।

--------------------------

शहर की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा कमेटी है। यहां बंगाल के तर्ज पर माता की प्रतिमा के साथ विधि-विधान के साथ माता दुर्गा की उपासना के साथ पूजा की जाती है। प्रशासन द्वारा कोरोना नियम के कारण इस साल कोई भी प्रतियोगिता का आयोजन नही किया जाएगा। यहां खिचड़ी का भोग पूरे जिले में प्रसिद्ध है। सभी भक्त घरों में रहकर माता की पूजा करे। माता सबकी कोरोना से रक्षा करे। यही मांग दुर्गा से प्रार्थना करुंगा।

- गुनमय गांगुली, मुख्य पुजारी, स्टेशन दुर्गा पूजा कमेटी।

chat bot
आपका साथी