गुजरात गए कुआरमुंडा के बाल मजदूर की मौत

परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने गुजरात गए सुंदरगढ़ के एक बाल मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 06:55 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 06:55 PM (IST)
गुजरात गए कुआरमुंडा के बाल मजदूर की मौत
गुजरात गए कुआरमुंडा के बाल मजदूर की मौत

जागरण संवाददाता, राउरकेला: परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने गुजरात गए सुंदरगढ़ के एक बाल मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। मृत बाल मजदूर जिले के कुआरमुंडा का रहने वाला था। 23 नवंबर की शाम पानी की मोटर स्टार्ट करने के दौरान वह बिजली करंट की चपेट में आ गया और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। बाल मजदूर की मौत के बाद, मालिक ने मुआवजे के बिना शव को घर भेज दिया। यह जानने के बाद, परिवार ने उपयुक्त मुआवजे के साथ 9 महीने का बकाया नहीं देने तक शव लेने से इनकार कर दिया था। परिणामस्वरूप, 23 से 25 नवंबर तक स्थानीय अस्पताल के मुर्दाघर में बाल श्रमिक का शव पड़ा रहा। बाद में मालिक ने मृतक के परिवार को मुआवजे के तौर पर 1.5 लाख रुपये का चेक दिया। साथ ही परिवार को नौ महीने के बकाया का भी भुगतान किया। इसके बाद मृतक के पिता अपने एक परिचित के साथ शव को लेकर राउरकेला लौट रहे हैं।

बंडामुंडा के एक दलाल ने कुआरमुंडा, नुआगां, बिसरा समेत अन्य दूर दराज अंचल के श्रमिकों को मासिक 9,000 रुपये के वेतन व अन्य सुविधा दिलाने का झांसा देकर गुजरात भेजा था। श्रमिक गुजरात के आणंद जिले के तारापुर में एक झींगा फार्म में काम कर रहे थे। फार्म के मालिक एस कुमार स्वामी ने इन श्रमिकों को 16 मछली तालाबों के विभिन्न काम में लगाया था। दलाल के कहे अनुसार उन्हें हर महीने ठीक से भुगतान नहीं करता था। हमेशा की तरह, 23 नवंबर की शाम को, कुआरामुंडा जमुनाढीपा का 17 वर्षीय बाल मजदूर तालाब के पास लगी पानी की मोटर को चालू कर रहा था। तभी वह बिजली करंट की चपेट में आ गया और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। आधे घंटे बाद ही जमुनाढीपा में रहने वाले बाल मजदूर के परिवार को इसकी जानकारी मिली। इस पर पिता ने बेटे के साथ काम करने वाले अन्य मजदूरों से संपर्क घटना की पुष्टि की। फार्म के मालिक एस कुमार स्वामी के मैनेजर ने दाह संस्कार के तौर पर 25,000 रुपये के साथ शव को एंबुलेंस के जरिए भेजने की बात कही। लेकिन परिवार उपयुक्त मुआवजा नहीं देने तक शव नहीं लेने पर अड़ जाने से तीन दिन बाद मालिक ने मुआवजे के तौर पर डेढ़ लाख रुपये, 9 माह का बकाया वेतन तथा एंबुलेंस का खर्च देने को राजी हुआ। मृतक के पिता एंबुलेंस के जरिये शव को लेकर राउरकेला लौट रहे हैं। मृतक के पिता ने मांग की है कि जिला प्रशासन दलालों के खिलाफ कार्रवाई करे और बाल श्रमिकों को वहां से वापस लाए।

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