कोकेरामा में धूमधाम से मनाया गया बुढ़ी करम उत्सव

कुआरमुंडा ब्लॉक के कोकेरामा डाडा पड़हा की ओर से बुधवार को बुढ़ी करम उत्सव का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:58 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:58 PM (IST)
कोकेरामा में धूमधाम से मनाया गया बुढ़ी करम उत्सव
कोकेरामा में धूमधाम से मनाया गया बुढ़ी करम उत्सव

संवादसूत्र, बीरमित्रपुर : कुआरमुंडा ब्लॉक के कोकेरामा डाडा पड़हा की ओर से बुधवार को बुढ़ी करम उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें एक दर्जन से अधिक गांव के लोग शामिल हुए। यहां परंपरागत तरीके से बुढ़ीकरम की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की गई। इसके बाद गीत के साथ मांदर की थाप पर दिन भर नाच गान का दौर चला। ओराम समाज के परंपरागत धार्मिक एवं सामाजिक संगठन डाडा पड़हा के प्रमुख कोल्हा कुजूर ने बताया कि कोकेरामा में वर्षों से बूढ़ी करम उत्सव मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि करम चार भाग में मनाया जाता है। राजी करम भादो एकदशी, जितिया करम, देश करम व बुढ़ी करम। कहा कि एक समय था जब महामारी फैली थी। गांव के गांव महामारी में खत्म हो रहे थे। लोगों के पास रोग से बचने का कोई उपाय नहीं था। एक गांव की बूढ़ी महिलाओं ने तब बुढ़ी करम की पूजा की थी और तब इस रोग से लोगों की रक्षा हुई थी। तब से ही बूढ़ी करम की पूजा की जाती रही है। बुधवार को कोकेरामा में आयोजित कार्यक्रम में पारंपरिक संगठन डाडा पड़हा, मूली पड़हा, अतखा पड़हा से जुड़े ग्रामीण शामिल हुए। इसके आयोजन में डाडा पाड़हा के कोल्हा कुजूर, मूली पाड़हा के कुबा किडो, विश्वपाल खलको, अतखा पड़हा के रमेश लकड़ा, मांगा किस्पोटा समेत अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। मधुमक्खी के हमले से वृद्ध की मौत : लहुणीपाड़ा थाना अंतर्गत राजामुंडा पंचायत के बंधननाली गांव में मधुमक्खी के हमले में 70 वर्षीय बुधू किसान जख्मी हो गए थे। परिवार के लोग उन्हें लहुणीपाड़ा सरकारी अस्पातल ले आये थे जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर इसकी जांच कर रही है।

बंधनपाली गांव निवासी बुधू किसान मंगलवार की सुबह गाय चराने के लिए पास के जंगल में गए थे। पेड़ पर लगे छत्ते में मौजूद मधुमक्खी किसी कारण से भड़क गई और बुधू पर हमला कर दिया। वह उनसे बचने के लिए भाग कर किसी तरह घर पहुंचे। यहां उनकी हालात को देखते हुए परिवार के लोग उन्हें तुरंत लहुणीपाड़ा अस्पताल ले आए। पूरे शरीर में मधुमक्खियों के डंक लगे होने के कारण बुधू की हालत नाजुक थी और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

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