अपना फैसला वापस ले राज्य सरकार : शंकर सिंह

राज्य सरकार द्वारा बिजली शुल्क में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को लेकर भाजपा की ओर से मंगलवार को कार्यपालक अभियंता के कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:39 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:39 AM (IST)
अपना फैसला वापस ले राज्य सरकार : शंकर सिंह
अपना फैसला वापस ले राज्य सरकार : शंकर सिंह

संसू, राजगांगपुर : राज्य सरकार द्वारा बिजली शुल्क में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को लेकर भाजपा की ओर से मंगलवार को कार्यपालक अभियंता के कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बढ़ा शुल्क तत्काल वापस लेने की मांग की। इस मौके पर नगर भाजपा अध्यक्ष शंकर सिंह ने कहा कि कोरोना काल में काम-धंधा बंद होने से लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से दयनीय हो गई है। खाने के लाले पड़े हुए हैं। इस परिस्थिति में बिजली के शुल्क में प्रति यूनिट तीस पैसे की बढ़ोतरी कहा तक जायज है। जबकि पिछले अक्टूबर में ही राज्य सरकार ने प्रति यूनिट बीस पैसे की बढ़ोतरी की थी। भाजपा नेता ने कहा कि वेस्को के हटने के बाद राज्य सरकार ने टाटा को बिजली वितरण का दायित्व सौंपा है। तत्समय कहा गया था कि विद्युत व्यवस्था में सुधार होगा लेकिन समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। लो वोल्टेज और अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। ऐसे में, बिजली शुल्क में अचानक से प्रति यूनिट 30 पैसे की बढ़ोत्तरी करना आम उपभोक्ता का बोझ बढ़ाना है। उन्होंने सरकार से तत्काल अपना फैसला वापस लेने की मांग की। कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी। राजगांगपुर भाजपा युवा मोर्चा के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में मोर्चा अध्यक्ष राजीव भद्र, भाजपा के वरिष्ठ नेता नृसिंग मिज, जिला उपाध्यक्ष श्रीधर स्वाईं, शशिरेखा सामल, सुभद्रा राउत, रेखा वर्मा, मधुस्मिता राउत, मणिशंकर कोले, हेमंत सिह, रमेश यादव, सुमित्रा आचार्य, धीरज मित्तल, सुधाकर पांडेय, देबू मिश्र, विशाल सीकली सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। घोघड़ मंदिर पर बिजली का लाखों रुपये बकाया : घोघड़धाम मंदिर परिसर की बिजली पिछले आठ माह से कटी हुई है। इससे वहां रहने वाले लोगों को पेयजल के साथ-साथ तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर मंगलवार को मंदिर के पुजारियों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बैठक की। पुजारियों ने बताया कि विकल्प स्वरूप मंदिर कमेटी ने भले ही सोलर लाइट की व्यवस्था की है। लेकिन शाम 6 बजे के बाद मंदिर परिसर में अंधकार हो जाता है। इससे मंदिर में पूजा-अर्चना करने में मुश्किल होती है। मंदिर परिसर में पानी की व्यवस्था जैसी होनी चाहिए, उस तरह से नहीं है। इस संबंध में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष योगेश डालमिया ने कहा कि कोविड को लेकर भक्तों के लिए मंदिर बंद है। अभी मंदिर और परिसर में जितनी लाइट की दरकार है। उसके हिसाब से सोलर लाइट और डीजी की व्यवस्था की गई है। दो वक्त पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है। 10 लाख रुपये का बिल बकाया होने के कारण विभाग ने मंदिर का कनेक्शन काट दिया है। इसके सेटेलमेंट की प्रक्रिया चल रही है।

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