घोघड़धाम में भोले बाबा का भव्य श्रृंगार

पवित्र सावन माह में बाबा का भव्य श्रृंगार इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बगैर भक्तों के पुजारियों द्वारा किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 12:16 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 06:15 AM (IST)
घोघड़धाम में भोले बाबा का भव्य श्रृंगार
घोघड़धाम में भोले बाबा का भव्य श्रृंगार

संसू, राजगांगपुर : पवित्र सावन माह में बाबा का भव्य श्रृंगार इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बगैर भक्तों के पुजारियों द्वारा किया गया। संध्या सात बजे बाबा का आरती दर्शन और अलौकिक श्रृंगार होता है। जिसे ऑनलाइन मंदिर कमेटी की तरफ से किया जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण मंदिरों के कपाट बंद रहने से घोघड़धाम में बाबा के भक्तों के आने पर पाबंदी होने से उनमें मायूसी है। हालांकि मंदिर के पुजारियों द्वारा बाबा का भव्य श्रृंगार एवं आरती दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था होने से श्रद्धालु सावन में भगवान शंकर का दर्शन पा रहे हैं।

नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा कोरोना संक्रमण के बीच शुक्रवार को नाग पंचमी के अवसर पर पूजा-अर्चना कर लोगों ने सुख-शांति की कामना की। शर्मा महिला मंडल की ओर से नाग पंचमी पर पूजा-अर्चना की गई। पौराणिक कथा के अनुसार पूर्व काल में एक साहूकार की सात बहुएं थी। सबसे छोटी बहू को जंगल में मिट्टी लाने के लिए भेजा गया जहां जंगल में नाग सांप रहता था। जैसे ही छोटी बहू मिटटी निकालने लगी सांप ने दर्शन दिए। छोटी बहू ने उसे प्रणाम किया। नाग देवता ने उसकी तकलीफ जान कर उसे सोने का हार व मणि दे दी। जब वह उसे लेकर अपनी सास के पास पहुंची तो नाराज होने के साथ उसकी शिकायत राजा से कर दी। राजा सभी बात सुनने के बाद अपने सिपाहियों को छोटी बहू को राजमहल में लाने के लिए कहा। हार लेकर जैसे ही राजा ने रानी को पहनाया वह नाग का फंदा बन गया। छोटी बहू को बुलाकर नाग देवता की उपासना की एवं बंधन से मुक्त हुई। हरियाणा, राजस्थान की महिलाएं नाग पंचमी पर विशेष पूजा-अर्चना करती है। इस मौके पर शर्मा महिला मंडल की विमला देवी शर्मा, लीला देवी शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, सीमा शर्मा, वैशाली शर्मा आदि शामिल हुईं।

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