भगवान शंकर के दर्शन में बाधक बन रहीं बसें

शहर के वार्ड नंबर तीन में बस स्टैंड के भीतर स्थित वर्षो पुराने बाबा अखंडमनी मंदिर में भगवान शंकर का दर्शन करना गाडियों के कारण मुश्किल हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:00 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:00 PM (IST)
भगवान शंकर के दर्शन में बाधक बन रहीं बसें
भगवान शंकर के दर्शन में बाधक बन रहीं बसें

संसू, राजगांगपुर : शहर के वार्ड नंबर तीन में बस स्टैंड के भीतर स्थित वर्षो पुराने बाबा अखंडमनी मंदिर में भगवान शंकर का दर्शन करना गाडियों के कारण मुश्किल हो रहा है। शहर के मध्य स्थित उक्त शिव मंदिर बस स्टैंड के पीछे बने होने के कारण यह समस्या हो रही है। भक्तों को पूजा-अर्चना के लिए बस स्टैंड परिसर से होकर मंदिर जाना पड़ता है। लेकिन अक्सर यहां बसों के खड़े रहने के कारण मंदिर तक जाने का रास्ता तक नहीं होता। ऐसे में भक्तों को भगवान के दर्शन-पूजन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे लेकर स्थानीय लोगों में रोष देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि बस स्टैंड में बसों का आना जाना तो ठीक है पर बसों का पड़ाव होना ठीक नहीं है। खराब पड़ी पुरानी बसों के कारण मंदिर हमेशा छिपा छिपा सा लगता है। इस कारण बहुतायत भक्तों को यहां मंदिर होने की जानकारी तक नहीं हो पाती है और पुजारियों को भी परेशानी होती है। शहरवासियों का कहना है कि बस स्टैंड में खराब पड़ी बसों को जल्द से जल्द हटा देना चाहिए ताकि मंदिर तक भक्तों को पहुंचना आसान हो सके। प्रधान अध्यापिका के व्यवहार से आहत शिक्षिका बेहोश होकर गिरी : अस्वस्थ होने के कारण देर से स्कूल आने पर प्रधानाध्यापिका के द्वारा अशोभनीय व्यवहार के बाद राउरकेला में एक शिक्षिका बेहोश होकर सीढ़ी से गिर पड़ी। एंबुलेंस बुलवाकर उसे इलाज के लिए इस्पात जनरल अस्पताल भेजा गया। शिक्षिका के घुटने व अन्य हिस्से में चोट लगी है। क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में पहली से दसवीं कक्षा तक पढ़ाई होती है एवं इसके लिए 25 शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। प्राथमिक कक्षा की शिक्षिका को कमर दर्द की समस्या है। इसके चलते चलना फिरना मुश्किल होता है। प्रधानाध्यापिका के द्वारा सभी शिक्षकों को सुबह 8.15 बजे तक उपस्थित होने का निर्देश दिया है। शारीरिक अस्वस्थता के कारण शिक्षिका सुबह नौ बजे पहुंची। देर से आने के कारण प्रधानाध्यापिका के द्वारा उसके साथ अशोभनीय व्यवहार किया गया। गुस्सा शांत करने के लिए शिक्षिका दूसरी मंजिल पर जा रही थी तभी अचानक चक्कर आने से वह गिर गई। शिक्षकों के द्वारा एंबुलेंस बुलाकर उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पातल भेजा गया। प्रधानाध्यापिका के व्यवहार की निदा की जा रही है।

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