रिमोट सेंसिग कौशल से मिलेगी कृषि संबंधी जानकारी

कृषि के विकास के लिए रिमोट सेंसिग कौशल से निगरानी रखी जाएगी। जमीन के प्रकार किस मिट्टी में कौन सी फसल होगी मिट्टी की स्थिति इसकी जल धारण क्षमता संबंधी जानकारी किसानों को मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:35 AM (IST)
रिमोट सेंसिग कौशल से मिलेगी कृषि संबंधी जानकारी
रिमोट सेंसिग कौशल से मिलेगी कृषि संबंधी जानकारी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कृषि के विकास के लिए रिमोट सेंसिग कौशल से निगरानी रखी जाएगी। जमीन के प्रकार, किस मिट्टी में कौन सी फसल होगी, मिट्टी की स्थिति, इसकी जल धारण क्षमता संबंधी जानकारी किसानों को मिलेगी। इसके साथ ही अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाढ़, तूफान, सूखा, बेमौसम बारिश की जानकारी भी पहले से दी जाएगी ताकि किसान पहले से कदम उठा सकेंगे। इसके लिए जिले में एग्री मॉनिटरेड रि-इंजीनियरिग एंड ट्रांसफार्मेशन जैसी संस्थाओं की सहायता से काम शुरू किया गया है। सुंदरगढ़ सदभावना भवन में पहली बार इसे लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सुंदरगढ़ जिले में राज्य इस तरह की पहली एग्री मॉनिटरेड रि-इंजीनियिग एंड ट्रांसपर्सन (एएएमआरटी) जैसी परियोजना की शुरुआत की गई है। सुंदरगढ़ में जिलापाल निखिल पवन कल्याण की अध्यक्षता में इसे लेकर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें उन्होंने बताया कि एमएमआरटी के जरिए तीन महीने के अंदर उपग्रह से तथ्य संग्रह एवं संबंधित रिपोर्ट प्रशासन को देने का परामर्श दिया गया है। इसके जरिए समय पर कृषि संबंधित सही जानकारी मिलेगी। मौसम, मिट्टी की उर्वरता, फसल की स्थिति एवं परिवर्तन सभी का पहले ही आकलन हो सकेगा तथा इसके लिए मार्गदर्शन भी मिलेगा। प्रशासन की ओर से भी कृषि के विकास के लिए योजना तैयार की जा सकेगी। एएमआरटी रिमोर्ट सेंसिग कौशल के जरिए कृषि संबंधित तथ्य संग्रह के लिए हैदराबाद इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फार द द सेमि एरिड ट्रापिक्स के साथ सुंदरगढ़ जिला प्रशासन के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है। इसके लिए जिला खनिज कोष से आर्थिक मदद दी जा रही है। पांच साल तक इस परियोजना पर काम होगा। इस परियोजना में काम होने पर कृषि जमीन में सुधार के उपाय भी किए जा सकते हैं। डिजिटलाइजेशन में उत्पन्न त्रुटि को भी दूर किया जा सकेगा। इससे विभिन्न कृषि कल्याण योजनाओं को लागू करने में भी मदद मिलेगी। कृषि उत्पादन के परिमाण का भी सटीक आकलन हो सकेगा। सिचाई एवं किसानों को जिला प्रशासन से नेटिवर्किग में रखने में यह सहायक होगा। सूखा व बाढ़ से फसल के नुकसान का आकलन के साथ ही सहायता देने में भी यह उपयोगी साबित होगा। संकट मोचन मंदिर में लगा शिविर : सेवाभावी संगठन श्री नारायणी नमो नमो से जुड़े भक्तों की ओर से राउरकेला रेलवे स्टेशन के पास संकट मोचन मंदिर में शिविर लगाया गया एवं प्रसाद का प्रबंध किया गया। इसमें राणी सती दादी के भक्तों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर प्रसाद का सेवन किया। संगठन की ओर से हर महीने अमावस्या पर इस तरह का कार्यक्रम यहां आयोजित किया जा रहा है। इसके आयोजन में श्री नारायणी नमो नमो से जुड़े दादी के भक्तो में मनोज अग्रवाल, सुजीत अग्रवाल ,बसंत अग्रवाल, ईश्वर मित्तल, सुनील शर्मा, बबलू बंसल, दिनेश शर्मा, राजेश अग्रवाल, मुकेश केड़िया, लाला शर्मा, अनुप मोदी आदि का सराहनीय योगदान रहा है।

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