पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रमोद भगत का बरगढ़ में भव्य स्वागत

जापान के टोक्यो में आयोजित पैरालिंपिक बैडमिटन एकल प्रतियोगिता में बरगढ़ जिले के अताबीरा प्रखंड निवासी प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:58 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:59 PM (IST)
पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रमोद भगत का बरगढ़ में भव्य स्वागत
पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रमोद भगत का बरगढ़ में भव्य स्वागत

संसू. बरगढ़ : जापान के टोक्यो में आयोजित पैरालिंपिक बैडमिटन एकल प्रतियोगिता में बरगढ़ जिले के अताबीरा प्रखंड निवासी प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने फाइनल में ब्रिटेन के प्रतिद्वंद्वी डेन बेथेल को प्रथम राउंड में 21-14, द्वितीय राउंड में 21-17 से हरा कर जीत हासिल की। उनकी इस जीत से उनके गांव अताबिरा में अपार खुशी का माहौल देखा जा रहा है। मंगलवार को उनके बरगढ़ अताबिरा माटी पर पहला कदम रखने पर जिला प्रशासन सहित समाजिक कार्यकर्ताओं, खेलप्रेमियों के साथ सैकड़ों लोगों ने प्रमोद भगत का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया। अंचल के लोगो का इस तरह का प्यार और समर्थन को देखते हुए उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया।

उल्लेखनीय है कि प्रमोद भगत अताबिरा के एक गरीब मध्यवर्गीय परिवार से है एवं उनके तीन भाई और एक बहन हैं। प्रमोद पिता दिवंगत कैलाश भगत एवं माता कुसुम देवी के मझले पुत्र होने पर एक पैर से पोलियो ग्रस्त है। अपनी मौसी की देखरेख में पले बढ़े प्रमोद को उन्हीं से उचित संस्कार मिला। अर्थाभाव एवं पोलियोग्रस्त होने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई की। बचपन से ही बैडमिटन के प्रति उनकी रुचि रही है। अताबिरा गांव के छोटे से मैदान में लोगों को बैडमिटन खेलते देख वे भी खेल के प्रति आकृष्ट हुए। पैर से पोलियोग्रस्त होने के बावजूद जब उन्हे खेलने का मौका मिला तब उन्होंने एक के बाद एक सफलता हासिल कर इस मुकाम तक पहुंचने मे कामयाबी हासिल की। गरीबी एवं शारीरिक अक्षमता को ही अपना हथियार बना कर प्रमोद ने जीवन के उतार चढ़ाव से जूझते हुए सफलता हासिल की। इस दौरान उन्होंने अपने भाई के साथ कुछ दिन इलेक्ट्रिक पंखा रिपेयरिग कर अपने परिवार का भरण पोषण किया। बैडमिटन में उनकी प्रतिभा लाभ करने के बाद खेलने के लिए पहली बार बाहर जाने का मौका मिलने पर गांव के लोगों ने उनका भरपूर सहयोग किया। इसके बदले प्रमोद भगत ने ग्रामवासियों के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के बल पर एक-एक कदम बढ़ाते हुए आज सफलता की ऊंचाई तक पहुंच कर देश के साथ-साथ बरगढ़ जिले का नाम रोशन करने में कामयाब रहे है। पहले अर्जुन अवार्ड हासिल कर अब टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीत कर अताबिरा के छोटे से मैदान से विदेशी धरती पर जीत का परचम लहरा दिया। ओलिंपियन दुती चांद व प्रमोद भगत को पांच-पांच लाख का चेक प्रदान : भुवनेश्वर स्थित कीट-कीस के संस्थापक सह सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत के प्रत्यक्ष तत्वावधान में टोक्यो पैरालिंपिक बैडमिटन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल विजेता प्रमोद भगत तथा कीट की विधि की छात्रा उड़नपरी दुती चांद जिसने दो बार ओलिंपिक में कीट के साथ-साथ ओडिशा, भारत का प्रतिनिधित्व किया, सोमवार को नागरिक अभिनंदन किया गया। इस मौके पर प्रो. अच्युत सामंत के द्वारा दोनों के नाम पर कीट में दो स्टेडियम बनाने के साथ-साथ दोनों को कीट-कीस डीम्ड विश्वविद्यालय की ओर से मानद डाक्टर आफ लिटरेचर की डिग्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई। इसके साथ ही दोनों खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया।

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