पद्मश्री से नवाजे जाएंगे रंगबती के रचयिता मित्रभानु गौंटिया
विश्व प्रसिद्ध संबलपुरी गीत रंगबती के रचयिता मित्रभानु गौंटिया को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान के लिए नामित किया गया है।
संसू, बामड़ा : विश्व प्रसिद्ध संबलपुरी गीत 'रंगबती' के रचयिता मित्रभानु गौंटिया को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान के लिए नामित किया गया है। इसे लेकर पूरे राज्य में खुशी की लहर है। पश्चिम ओडिशा के संबलपुर जिले के बामड़ा प्रखंड के जराबगा पंचायत अंतर्गत बिलुंग गांव में 17 मार्च 1942 में जन्मे एवं रंगबती गीत के जरिये संबलपुरी भाषा को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले मित्रभानु गौंटिया के कई नाटक व पुस्तकें काफी लोकप्रिय हैं। वर्ष 1978 में संबलपुर आकाशवाणी केंद्र द्वारा शुरू लोक गीत कार्यक्रम 'सुर मलिका' में मित्रभानु के गीत रंगवती को पहली बार जितेंद्र हरिपाल और कृष्णा पटेल ने गाया था जिसे खूब सराहा मिली। रंगबती गीत से प्रभावित होकर वर्ष 1979 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पी मजूमदार मित्रभानु के पास पहुंचे और उनसे गाने को रिकॉर्ड करने का आग्रह किया। 29 जनवरी 1979 को पहली बार यह गीत रिकार्ड हुआ। जिसके बाद रंगबती गीत ने भारत समेत पूरी दुनिया में धूम मचा दी। फिल्मों में भी रंगबती गीत दर्शाया गया जिसे जाने माने गायकों ने अपनी आवाज दी। कई पुरस्कारों से अलंकृत मित्रभानु गौंटिया की रचनाओं में तेतेल पतर सुरुसुरु, काने चाबे कनकुतरा समेत गीत नाट्य में छेर छेरा, पखाल खुरीथी महरा, भाई जिउंतिआ, गंभारी बीजे, रथ जात्रा के अलावा झारबनिया, टागेसुता माले फूल प्रमुख पुस्तकें सूबे में लोकप्रिय हैं। उनकी रचनाओं को लेकर 3000 पूष्ठ की ग्रंथावली शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। रंगबती के रचयिता मित्रभानु को पद्मश्री सम्मान के लिए नामित किए जाने पर भाजपा के संगठन सचिव रंजन पटेल, पूर्व विधायक रविनारायन नायक, विधायक किशोरचंद्र नायक प्रमुख ने बधाई दी है।