नाटकीय घटनाक्रम में किसान संगठन ने रास्ता रोको आंदोलन से किया किनारा
बामड़ा गरपोष पीडब्लूडी रोड पर धान की बोरी रखकर उचकापाट पंचायत के 24 किसान पिछले 4 दिनों से सड़क अवरोध कर राज्य सरकार द्वारा क्रय संस्थाओं के माध्यम से धान की गुणवत्ता जांच करने और किसानों की आइरिस कर उनके 1287 क्विंटल धान की खरीदी करने के बावजूद आज तीन महीने से ज्यादा हो गए उनके 24 लाख 4 हजार एक सो सोलह रुपया भुगतान नहीं हुआ है।
संसू, बामड़ा : बामड़ा गरपोष पीडब्लूडी रोड पर धान की बोरी रखकर उचकापाट पंचायत के 24 किसान पिछले 4 दिनों से सड़क अवरोध कर राज्य सरकार द्वारा क्रय संस्थाओं के माध्यम से धान की गुणवत्ता जांच करने और किसानों की आइरिस कर उनके 1287 क्विंटल धान की खरीदी करने के बावजूद आज तीन महीने से ज्यादा हो गए उनके 24 लाख 4 हजार एक सो सोलह रुपया भुगतान नहीं हुआ है। सरकारी नियमों के अनुसार 72 घंटे के भीतर किसान के खाते में रुपया भुगतान हो जाना चाहिए। धान क्रय संस्था ने किसानों को धान खरीदी का पंजीकरण नंबर, धान का परिमाण और कीमत इत्यादि के लिखित प्रमाणपत्र भी किसानों को जारी किए गए थे। ये 24 किसान उपज के भुगतान के लिए विभिन्न कार्यालय दौड़-दौड़कर दर-दर की ठोकर खाकर अपनी मानसिक सुख-शांति खो चुके हैं और उनकी माली हालत खस्ता हो गई है। आंदोलन के तीसरे दिन रविवार को बामड़ा तहसीलदार अनिल कुल्लु ने क्रय संस्थाओं के साथ किसानों से घंटों बातचीत के बावजूद कोई नतीजा निकल नहीं पाया था। प्रशासन ने सड़क अवरोध हटाने को कड़ा रुख अपनाने पर किसानों ने नाटकीय घटनाक्रम में सड़क पर पड़े धान की बोरी हमने क्रय संस्था को 3 महीने पहले बेच दी थी, ये धान अब सरकार का है, इसे सड़क पर कौन रखा हम नहीं जानते। हम तो बस अपने 24 लाख बकाया लेने के लिए पिछले 4 दिनों से आंदोलन कर रहे थे। प्रशासन की उपस्थिति में वहां बारिश शुरू होने पर तहसीलदार कुल्लु ने क्रय संस्था को धान की बोरी पर तिरपाल ढकने का आदेश दिया और पुलिस धान की रखवाली कर रही है। सड़क पर पड़े धान अब प्रशासन और क्रय संस्था के लिए सिर दर्द का कारण बन गया है। सोमवार को बामडा के जय किसान आदिम कृषक संगठन के आवाहक योगबिहारी परिडा की अगुवाई में लक्ष्मी नारायन छतरिया, महाबीर खंडेलवाल, सुदीप्त पटेल, आलोक चौधुरी, खतुनाथ पिग, दिलीप छतरिया, वीरू सिंह समेत सभी 24 किसानों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार अनिल कुल्लु को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और किसानों का 24 लाख का भुगतान तीन दिनों के अंदर करने और क्रय संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।