ठेकेदार से तीन करोड़ की ठगी में कथित बाबा समेत 2 गिरफ्तार

कोरोना काल में राजधानी भुवनेश्वर के एक स्पेशल क्लास ठेकेदार धनुर्धर चंपतिराय को तीन करोड़ का चूना लगाने वाले एक तथाकथित बाबा स्वामी विजयानंद चौधरी और बीटेक इंजीनियर चंदन आकाश महाती को ओडिशा क्राइमब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 10:13 PM (IST)
ठेकेदार से तीन करोड़ की ठगी में कथित बाबा समेत 2 गिरफ्तार
ठेकेदार से तीन करोड़ की ठगी में कथित बाबा समेत 2 गिरफ्तार

संवाद सूत्र, संबलपुर : कोरोना काल में, राजधानी भुवनेश्वर के एक स्पेशल क्लास ठेकेदार धनुर्धर चंपतिराय को तीन करोड़ का चूना लगाने वाले एक तथाकथित बाबा स्वामी विजयानंद चौधरी और बीटेक इंजीनियर चंदन आकाश महाती को ओडिशा क्राइमब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।

आर्थिक अपराध शाखा के डीआइजी जयनारायण पंकज के अनुसार, यह ठगी वर्क ऑर्डर्स देने के नाम पर किया गया था। ठेकेदार चंपतिराय की ओर से इस ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद जाच पड़ताल शुरू की गई और शनिवार को विजयानंद चौधरी उर्फ तथाकथित बाबा विजयानंद महाराज को कटक के सीडीए से और बीटेक इंजीनियर चंदन आकाश महाती को भुवनेश्वर के नयापल्ली से गिरफ्तार किया गया।

कोरोना काल में ठेकेदार चंपतिराय को काम की तलाश थी। इसी सिलसिले में वह अपने एक रिश्तेदार की सलाह पर कटक के सीडीए में रहने वाले विजयानंद चौधरी से मई 2020 में मिला। विजयानंद ने खुद को ओटीडीसी का चेयरमैन और चंदन आकाश महाती को ओटीडीसी का असिस्टेंट इंजीनियर बताया। दोनों ने मिलकर ओटीडीसी का वर्क ऑर्डर्स ठेकेदार को दिलाने के नाम पर तीन करोड़ रुपये वसूले। अगस्त 2020 से नवंबर 2020 के दौरान ठेकेदार को 23 जाली वर्क ऑर्डर्स दिए गए थे। जाच के दौरान आर्थिक अपराध शाखा को पता चला है कि बीटेक इंजीनियर चंदन आकाश महाती ओटीडीसी में अस्थाई असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में काम करता था और उसी ने ओटीडीसी के निर्वाही अभियंता के जाली सील और हस्ताक्षर वाला वर्क ऑर्डर्स ठेकेदार को दिया था। पांच साल बाद पकड़ा गया नाव मालिक : सुंदरगढ़ जिले के सदर थाना अंतर्गत ईव नदी घाट पर नाव चलाने वाले मनधर नायक के रहस्यमय ढंग से लापता होने के मामले में नाव मालिक रतिलाल तिग्गा को भष्मा थाना की पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। वह पांच साल से फरार था एवं पुलिस को उसकी तलाश थी।

बाउरीमुंडा गांव निवासी रतिलाल तिग्गा ईव नदी घाट का ठेका लिया था। उसके पास दिलीप ओराम का भाई नाव चलाने का काम करता था। 2016 में अचानक उसके लापता होने पर दिलीप ने रतिलाल के पास जाकर पूछताछ की। तब उसने बताया कि नाव नदी पार करने के दौरान वह पानी में गिर गया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने उसके घर जाकर तोड़फोड़ की थी एवं उस पर हत्या का आरोप लगाया था। तब से रतिलाल तिग्गा फरार था। दिलीप की प्राथमिकी के आधार पर पुलिस इसकी जांच कर रही थी पर शव नहीं मिलने के कारण चार्जशीट में हत्या का उल्लेख नहीं किया गया। घटना के पांच साल बाद रतिलाल को संबलपुर से गिरफ्तार किया गया तथा कोर्ट में पेश किया गया है।

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