Odisha: कंधमाल में केकेबीएन की मेंबर ने किया आत्मसमर्पण

Odisha कालाहांडी-कंधमाल-बऊद-नयागढ़ की मेंबर कांति मल्लिक उर्फ अमिता ने कंधमाल जिला पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की कोशिश शुरू कर दी। उसने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता त्याग कर बेहतर जिंदगी शुरू करने की अपील की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 07:11 PM (IST)
Odisha: कंधमाल में केकेबीएन की मेंबर ने किया आत्मसमर्पण
कंधमाल में केकेबीएन की मेंबर ने किया आत्मसमर्पण। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, संबलपुर। ओडिशा के कंधमाल जिला में पिछले कुछ वर्षों से पैर पसारने की कोशिश कर रहे कालाहांडी-कंधमाल-बऊद-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन के नक्सलियों को रविवार को करार झटका लगा। संगठन की पार्टी मेंबर कांति मल्लिक उर्फ अमिता ने कंधमाल जिला पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की कोशिश शुरू कर दी। उसने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता त्याग कर बेहतर जिंदगी शुरू करने की अपील की है। कंधमाल जिला के बालीगुड़ा थाना अंतर्गत गंगारंग गांव की कांति मल्लिक उर्फ अमिता आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने नक्सली संगठन में शामिल हो गई थी, लेकिन संगठन में शामिल होने के कुछ वर्ष बाद ही उसे असलियत का पता चल गया। संगठन के तेलुगू और छत्तीसगढ़ी नेता संगठन के आदिवासी नक्सलियों पर अत्याचार करने समेत उनके साथ अन्याय करते थे। यह देख कांति उर्फ अमिता का नक्सली संगठन से मोहभंग होने लगा था।

आत्मसमर्पण के बाद उसने बताया कि ओडिशा सरकार द्वारा नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए जाने से हमेशा जान पर खतरा बना रहता था। वह जिस उद्देश्य को लेकर नक्सली संगठन में शामिल हुई थी, वह भी छलावा लगने लगा था। उधर, ओडिशा सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति को और आकर्षक बना दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सहयोग किया जा रहा है। इसी से प्रेरित होकर उसने हिंसा का रास्ता त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण किया। कांति उर्फ अमिता के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने बताया है कि सरकारी प्रावधान के तहत कांति उर्फ अमिता को हरसंभव सहायता, सहयोग और पुनर्वास किया जाएगा। गौरतलब है कि ओडिशा पुलिस की सख्ती वजह से नकस्ली भयभीत हैं। प्रदेश में इससे पहले भी कई नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

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