हिंदी देश की सबसे आसान, सर्वोत्तम संपर्क एवं जनसाधारण की भाषा

संबलपुर की 37वीं बैठक महाप्रबंधक कृष्ण देव प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि हिंदी राजभाषा के साथ ही देश की सर्वोत्‍तम भाषा है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 09:28 AM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 09:28 AM (IST)
हिंदी देश की सबसे आसान, सर्वोत्तम संपर्क एवं जनसाधारण की भाषा
हिंदी देश की सबसे आसान, सर्वोत्तम संपर्क एवं जनसाधारण की भाषा

संबलपुर, जेएनएन। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) मुख्यालय, जागृति विहार में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, संबलपुर की 37वीं बैठक महाप्रबंधक कृष्ण देव प्रसाद  की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि हिंदी भारत के हर कोने में समझी एवं बोली जाती है। हिंदी भारत की राजभाषा तो है ही, इसके अलावा हमारे देश की सर्वोत्तम संपर्क एवं जनसाधारण की भाषा है। हिंदी के प्रचार-प्रसार में सिनेमा एवं टेलीविजन की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

बैठक में बीआर साहू कलिहारी, उप प्रबंधक ने अतिथियों का स्वागत किया एवं राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में पूर्ण रूप से सहयोग देने एवं भारत सरकार की राजभाषा नीति का अनुपालन करने पर जोर दिया। वर्तमान प्रचलित इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों जैसे हिंदी में ई-मेल, मोबाइल, कंप्यूटर में स्पीच टू टैक्स्ट एवं राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न टूल्स के प्रयोग के जरिये अपने दफ्तरों में धारा 3 (3) का शत-प्रतिशत अनुपालनर्, हिंदी पत्राचार, टिप्पणी के लक्ष्यों की प्राप्ति पर बल दिया गया। बैठक में नराकास राजभाषा शील्ड प्रतियोगिता-2018-19 के विजेता दफ्तरों को अध्यक्ष के हाथों प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

विजेता कार्यालयों में केंद्रीय सरकार कार्यालय समूह में प्रथम आकाशवाणी, द्वितीय केंद्रीय विद्यालय-1, तृतीय पूर्व तट रेलवे, संबलपुर तथा प्रोत्साहन पुरस्कार, सीआरपीएफ, संबलपुर को दिया गया। बैंक समूह में प्रथम भारतीय स्टेट बैंक, द्वितीय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, तृतीय यूको बैंक एवं प्रोत्साहन पुरस्कार आंध्रा बैंक, संबलपुर को दिया गया। सार्वजनिक उपक्रम में प्रथम महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, द्वितीय भारतीय खाद्य निगम एवं तृतीय हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, संबलपुर को प्रदान किया गया। बैठक की व्यवस्था, संचालन में बीआर साहू, कलिहारी, उप प्रबंधक (सचिवीय/राजभाषा) तूलिका बिश्वास, सहायक प्रबंधक (राजभाषा) एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा। 

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