हरपाल की कुटिया तक पहुंची 'आशा भरोसा' की किरण

सरकारी बस स्टैंड के पीछे स्थित गुड़ियाली बंध पाड़ा में पॉलीथिन की छत के नीचे अपनी नाबालिग बेटी के साथ जीवन गुजर बसर कर रहे 91 वर्षीय हरपाल सिंह को आशा भरोसा संगठन की ओर से सहायता का हाथ बढ़ाते हुए रविवार को राशन सामग्री प्रदान करने समेत आगामी दिनों में उनके रहने के लिए घर बनाने का भरोसा दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 09:13 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 09:13 AM (IST)
हरपाल की कुटिया तक पहुंची 'आशा भरोसा' की किरण
हरपाल की कुटिया तक पहुंची 'आशा भरोसा' की किरण

संवाद सूत्र, संबलपुर : सरकारी बस स्टैंड के पीछे स्थित गुड़ियाली बंध पाड़ा में पॉलीथिन की छत के नीचे अपनी नाबालिग बेटी के साथ जीवन गुजर बसर कर रहे 91 वर्षीय हरपाल सिंह को, आशा भरोसा संगठन की ओर से सहायता का हाथ बढ़ाते हुए रविवार को राशन सामग्री प्रदान करने समेत आगामी दिनों में उनके रहने के लिए घर बनाने का भरोसा दिया गया है।

बताया गया है कि जब हरपाल सिंह की उम्र 20 वर्ष की थी तब वह पंजाब से संबलपुर आए थे और हीराकुद बांध के निर्माण में काम किया था। बुजुर्ग हरपाल ने बताया कि उनकी पहली पत्नी और बच्चों के कहीं चले जाने के बाद उन्होंने दूसरा विवाह किया था। दो बेटियों के जन्म के बाद दूसरी पत्नी का भी निधन ही गया। परिवार का पेट भरने की खातिर उन्होंने प्लास्टिक की बोतल बटोरकर बेचने का काम शुरू कर दिया। सरकार की ओर से भत्ता राशि और रासन सामग्री मिलती है, लेकिन सरकारी जमीन पर घर बनाने की अनुमति नहीं होने से वह मुश्किल में हैं। अपनी कमाई से उन्होंने बड़ी बेटी का विवाह किया और छोटी बेटी को पढ़ा रहे हैं। छोटी बेटी हिदी हाईस्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा है। बुजुर्ग हरपाल ने बताया कि किसी तरह सीमित साधनों के साथ वह अपनी छोटी बेटी के साथ जीवन गुजर बसर कर रहे थे कि कुछ महीने पहले अंधड़ के दौरान उनकी झोपड़ी पर एक पेड़ गिरा और उनके सिर से छत छिन गई। तब से दोनों बाप-बेटी पॉलीथिन की छत के नीचे जीवन गुजार रहे हैं। आशा भरोसा संगठन के हरदीप सिंह भुर्जी उर्फ बॉबी भाई समेत संजीव पटनायक, नवीन पंडा, प्रफुल्ल दास और गुड्डू परिडा ने इन बुजुर्ग की सहायता करते हुए उसके लिए एक घर बनाने का भरोसा दिया है।

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