हाटपाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन

दुर्गोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार के अपराह्न स्थानीय हाटपाड़ा स्थित कल्याण मंडप परिसर में स्वेच्छाकृत रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:51 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:51 PM (IST)
हाटपाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन
हाटपाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन

संवाद सूत्र, संबलपुर : दुर्गोत्सव के उपलक्ष्य में, रविवार के अपराह्न स्थानीय हाटपाड़ा स्थित कल्याण मंडप परिसर में स्वेच्छाकृत रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। हाटपाड़ा दुर्गा पूजा कमेटी और वीर बजरंग संघ की साझेदारी में आयोजित इस शिविर में 40 यूनिट रक्त संग्रह हुआ, जिसे संबलपुर जिला रक्त भंडार को सौंप दिया गया। कमेटी की ओर से बताया गया है कि संबलपुर जिला अस्पताल और बुर्ला मेडिकल हॉस्पिटल में आवश्यक रक्त के अभाव को देखते हुए इस शिविर का आयोजन किया गया। इसमें दुर्गा पूजा कमेटी और वीर बजरंग संघ के सदस्यों समेत कई स्वेच्छाकृत रक्तदाताओं ने भी रक्तदान किया। इस शिविर के संचालन में विश्वजीत देहुरी, सोमनाथ सेठ, राजा बराड़, वीरू पर्डिया, अजू सेनापति समेत दोनों संस्था के सदस्यों ने सहयोग किया। 630 फीट से नीचे खिसका हीराकुद बांध का जलस्तर : पिछले करीब एक सप्ताह से हीराकुद बाध के ऊपरी मुहाने पर नहीं के बराबर बारिश और बाध से पनबिजली और सिंचाई के लिए छोड़े जा रहे पानी के बाद शनिवार से बाध का जलस्तर अपने अधिकतम लेवल 630 फीट से नीचे खिसकने लगा है। सोमवार को दोपहर 12 बजे तक जलस्तर 629.89 फीट रिकार्ड किया गया।

गौरतलब है कि 10 अक्टूबर से पहले तक हीराकुद बांध का जलस्तर अपने अधिकतम लेवल 630 फीट पर पहुंच चुका था। बाध के जलभंडार में प्रवेश करते बाढ़ के पानी और बाध के जलस्तर को नियंत्रित करने की खातिर एक गेट खोलकर महानदी में बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा था। बाध के ऊपरी मुहाने से बाढ़ के पानी का प्रवेश कम हो जाने के बाद 10 अक्टूबर की सुबह 6 बजे से बाध के एक खुले गेट को भी बंद कर दिया गया था।

हीराकुद बाध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते चौबीस घटे के दौरान बाध के ऊपरी मुहाने पर 01.40 मिमी और निचले मुहाने पर 03.88 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। सोमवार को दोपहर 12 बजे तक बाध का जलस्तर 629.89 फीट था। इस दौरान जलभंडार में प्रति सेकंड 28 हजार 721 घनफुट पानी प्रवेश कर रहा था और इतना ही पानी पनबिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा था।

chat bot
आपका साथी