बीडीओ को खाना चखने कहना दो स्वयंसेवियों को पड़ा महंगा

कोरोना महामारी से निपटने शासन-प्रशासन की ओर से असहायों के लिए भोजन मुहैया कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Apr 2020 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 06:17 AM (IST)
बीडीओ को खाना चखने कहना दो स्वयंसेवियों को पड़ा महंगा
बीडीओ को खाना चखने कहना दो स्वयंसेवियों को पड़ा महंगा

संसू, बामड़ा : कोरोना महामारी से निपटने शासन-प्रशासन की ओर से असहायों के लिए भोजन मुहैया कराया जा रहा है। इसकी गुणवत्ता जांच के लिए बामड़ा बीडीओ गोबिद दंडसेना को खाना चखने के लिए कहना दो स्वयं सेवियों को महंगा पड़ गया। बीडीओ ने न केवल खाना चखने से मना कर दिया, बल्कि दोनों स्वयं सेवी दिनेश रक्सा और चंकी उपाध्याय को खरी खोटी सुनाई और पुलिस के हवाले कर दिया। तीन घंटे बाद गोबिदपुर सरपंच मीनाक्षी मांझी के अनुरोध पर दोनों स्वयंसेवी पुलिस की हिरासत से मुक्त हुए। उल्लेखनीय है कि ब्लॉक के सभी 17 ग्राम पंचायतों में प्रशासन की ओर से अस्थायी आहार केंद्र खोलकर असहायों को भोजन कराया जा रहा है। गोबिदपुर पंचायत में 143 लोगों समेत ब्लॉक में 1450 लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। गोबिदपुर पंचायत में आहार केंद्र में बने भोजन को स्वयंसेवियों के माध्यम से जरूरत मंदों के घर तक पहुंचाया जा रहा है। सरपंच के कहने पर चखाने ले गए थे आहार

गोबिदपुर पंचायत के लोगों के लिए आहार केंद्र में बने भोजन की गुणवत्ता जांचने के लिए सरपंच मीनाक्षी मांझी ने स्वयं सेवी दिनेश रक्सा और चंकी उपाध्याय के हाथों पैकेट बीडीओ गोबिद दंडसेना, तहसीलदार कुल्लू व थानेदार के भिजवाया था। तलसीलदार व थानाधिकारी ने तो खाने का पैकेट स्वीकार लिया। लेकिन बीडीओ इसे देखकर भड़क गए। स्वयं सेवियों ने बताया कि भोजन को देख बीडीओ कहने लगे कि क्या वे गरीब व्यक्ति है। जो तुम मुझे यह खाना लाकर दे रहे हो। उन्होंने खाने का पैकेट लेने से मना कर दिया। साथ ही भला बुरा कहा और पुलिस बुलाकर उन्हें उनके हवाले कर दिया। जहां थाने में पुलिस ने उन्हें तीन घंटे बिठाए रखा।

जबरन मुझे खाना खिलाने की जिद पर अड़े थे स्वयंसेवी

जब इस संबंध में बीडीओ गोबिद दंडसेना से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दोनों स्वयं सेवी खाना लेकर उनके पास आए थे। उन्हें खाना जरूरतमंदों को देने को कहा था। लेकिन दोनों स्वयं सेवी मुझे खाना खाने की जिद पर अड़ गए थे। इस कारण मजबूरी में मुझे पुलिस को बुलाना पड़ा।

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