Odisha: किसानों की 3.49 करोड़ की सब्सिडी हड़पने के आरोप में गिरफ्तार

Odisha ओडिशा के 278 किसानों के नाम पर तीन करोड़ 49 लाख रुपये की सब्सिडी राशि हड़पने के आरोप में ओडिशा आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को बरगढ़ के कमलजीत सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:30 PM (IST)
Odisha: किसानों की 3.49 करोड़ की सब्सिडी हड़पने के आरोप में गिरफ्तार
किसानों की 3.49 करोड़ की सब्सिडी हड़पने के आरोप में गिरफ्तार। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, संबलपुर। पश्चिम ओडिशा के 278 किसानों के नाम पर तीन करोड़ 49 लाख रुपये की सब्सिडी राशि हड़पने के आरोप में ओडिशा आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को बरगढ़ के कमलजीत सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है, जबकि गिरफ्तार आरोपित कमलजीत का भाई हरपाल सिंह फरार है और उसकी तलाश जारी है। आर्थिक अपराध शाखा के डीआईजी जयनारायण पंकज के अनुसार, केरल के त्रिशुर स्थित मैसर्स रेडलैंड्स ऐशलिन मोटर्स की ओर से जनसंपर्क प्रबंधक रिगिन बेनेट ने 23 अप्रैल, 2021 को इस आशय का रिपोर्ट दर्ज कराया था। इस रिपोर्ट के बाद जब मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई, तब इतने बड़े जालसाजी का खुलासा हुआ।

बताया गया है कि हरपाल सिंह बरगढ़ में मैसर्स रेडलैंड्स ऐशलिन मोटर्स का डीलर है। उसने अपने भाई कमलजीत सिंह और कुछ साथियों के साथ मिलकर यह जालसाजी की। पश्चिम ओडिशा के बरगढ़, संबलपुर, बलांगीर और सोनपुर जिला के 278 किसानों को मैसर्स रेडलैंड्स ऐशलिन मोटर्स द्वारा निर्मित राइस ट्रांसप्लांटर मशीन समेत अन्य कृषि उपकरण बेचने के नाम पर ओडिशा सरकार के कृषि विभाग में अपनी कंपनी का नाम पंजीकृत करवा लिया और केवल जाली कागजातों से किसानों को कृषि उपकरण बेचने की जानकारी सरकार के पोर्टल पर अपलोड करता रहा। इस जालसाजी का पता चलने के बाद निर्माता कंपनी मैसर्स रेडलैंड्स ऐशलिन मोटर्स की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराया गया था।

आर्थिक अपराध शाखा को जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि हरपाल अपने भाई कमलजीत और साथियों के साथ मिलकर गरीब और निरक्षर किसानों को फंसाता था। उन्हें दो से दस हजार रुपये देकर उनके बैंक खाते के निकासी फॉर्म में हस्ताक्षर करा लेते थे और सरकार को गलत जानकारी देते थे कि उनकी कंपनी ने संबद्ध किसानों को कृषि उपकरण बेचे। इसके लिए मशीनों के गलत चेसिस और इंजन नंबर भी देते थे। सरकारी प्रावधान के तहत जब किसानों के बैंक खातों में सब्सिडी राशि जमा हो जाती थी, तब किसानों द्वारा पहले से हस्ताक्षरित निकासी फॉर्म से उनके बैंक खातों से सब्सिडी राशि निकाल ली जाती थी। इस जालसाजी के खुलासे के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपितों की कंपनी और निजी बैंक खातों में जमा 1.92 करोड़ रुपये को फ्रिज कर दिया है।  

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