कहां चलें रेलकर्मी, कीचड़ में लापता हो गई सड़क
रेलनगरी बंडामुंडा के रेलवे कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारी व उनके परिवार के लोग कीचड़-गंदगी से लबालब सड़क से निकलने को मजबूर हैं।
संसू, बंडामुंडा : रेलनगरी बंडामुंडा के रेलवे कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारी व उनके परिवार के लोग कीचड़-गंदगी से लबालब सड़क से निकलने को मजबूर हैं। हालत यह है कि यह कहना मुश्किल है कि रेलवे कॉलोनी की सड़क पर कीचड़ है या कीचड़ में सड़क है।
पिछले चार पांच सालों से रेलकर्मी विकास की राह देख रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। समय समय पर समस्याओं के निदान की मांग को लेकर रेल अधिकारियों के दर भी गए, आश्वासन भी मिला। लेकिन कोई पहल नहीं हुई। इतना ही नहीं रेलवे कालोनी में रहने वाले कर्मचारियों के क्वार्टर की स्थिति भी बदहाल है। बिजली की समस्या तो आए दिन दो-चार होना पड़ता है। अक्सर रात में पूरी कालोनी अंधेरे में नजर आती है। बारिश में सड़क में जलजमाव और गंदगी के कारण लोग घर से निकल नहीं पाते हैं।
जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए आयुक्त को सौंपा मांगपत्र : स्मार्ट सिटी, राउरकेला की बदहाल सड़कों को लेकर राउरकेला जागरण मंच के अध्यक्ष अमिताभ सामल ने राउरकेला महानगर निगम के आयुक्त दिव्यज्योति परिड़ा से बुधवार को मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। इसमें बताया गया है कि स्मार्ट शहर की गड्ढेदार सड़कें लोगों के मन में नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। कुछ माह नहीं बल्कि वर्षों से सड़कों की यही स्थिति है। बारिश में ये सड़कें लोगों के लिए जानलेवा बनी हुई है। इसलिए अब निगम को जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा। क्योंकि इन सड़कों के कारण रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि निगम प्रशासन गड्ढों वाली सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए कड़े कदम उठाएगा। कहा कि अगर सड़कों का कालीकरण नहीं हो पा रहा है तो कम से कम उसे समतल करने की व्यवस्था की जाए। ताकि रोजाना की दुर्घटनाओं से बचे।